विदेश मंत्री एस जयशंकर की बढ़ाई गई सुरक्षा,भारत-पाक तनाव के बीच लिया गया फैसला

पहलगाम आतंकी हमला, फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और इसके बाद भारत- पाकिस्तान में छिड़े संघर्ष से दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए हैं. ऐसे में बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा को अपग्रेड करने का फैसला लिया गया है. विदेश मंत्री को पहले से ही Z स्तर की सिक्योरिटी मिली हुई है. अब उनके काफिले में बुलेट प्रूफ गाड़ी को भी शामिल किया गया है.सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय (MHA) ने अब विदेश मंत्री जयशंकर की सुरक्षा को अपग्रेड करने का फैसला लिया है. उनके काफिल में एक बुलेटप्रूफ कार शामिल की गई है. इसके अलावा दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.पिछले साल बढ़ाई गई थी सुरक्षाजयशंकर को इस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से ‘Z’ लेवल की सशस्त्र सुरक्षा मिली हुई है, लेकिन अब उनके पास पूरे देशभर में कहीं भी आने-जाने के लिए एक पूर्ण सुरक्षित गाड़ी होगी. भारत-पाकिस्तान में तनाव के बाद हालिया खतरे के आकलन के बाद उनकी सुरक्षा अपग्रेट करने को कहा जा रहा था.पिछले साल अक्टूबर में विदेश मंत्री जयशंकर का सुरक्षा स्तर ‘Y’ से बढ़ाकर ‘Z’ लेवल की कर दी गई थी. सीआरपीएफ ने तब दिल्ली पुलिस से जयशंकर की सुरक्षा का प्रभार ले लिया था. उनकी सुरक्षा में पहले से ही 33 कमांडो हमेशा तैनात रहते हैं.CRPF 210 लोगों को देती है VIP सुरक्षा69 साल के जयशंकर को वर्तमान में सीआरपीएफ कर्मियों की एक सशस्त्र टीम की ओर से लगातार Z- लेवल की सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिसमें देशभर में उनके आने-जाने और प्रवास के दौरान एक दर्जन से अधिक सशस्त्र कमांडो शामिल हैं.

सीआरपीएफ इस समय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, दलाई लामा, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत देश की 210 हस्तियों की वीआईपी सुरक्षा कवर देती है.क्यों अपग्रेड करनी पड़ी सुरक्षाविदेश मंत्री की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला पिछले महीने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से 7-8 मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाए जाने के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव काफी बढ़ गया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर कई हमले किए. जिसके जवाब में भारत ने भी मुहंतोड़ जवाबी कार्रवाई की. बाद में दोनों के बीच सीजफायर हो गया, लेकिन तनाव बना हुआ है.‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में कई आतंकी कैंपों को निशाना बनाया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. कई खूंखार आतंकी भी ढेर हुए.