भाजपा को निर्देशित करेगी RSS!राजनीतिक रणनीति और सामाजिक एकजुटता के लिए करने जा रही है बड़ी बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 4 से 6 जुलाई, 2025 तक नई दिल्ली में अपने प्रांत प्रचारकों की एक महत्वपूर्ण तीन दिवसीय बैठक आयोजित करने जा रहा है. इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित संघ के शीर्ष नेतृत्व हिस्सा लेंगे.सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर भी चर्चा होने की संभावना है, जो मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल समाप्त होने के बाद एक अहम मुद्दा बन गया है. इसके अलावा, संघ के शताब्दी समारोह की तैयारियां, सामाजिक एकजुटता, और आगामी राजनीतिक चुनौतियों पर भी गहन चर्चा होगी.जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में समाप्त हो चुका था, लेकिन इसे 2024 के लोकसभा चुनाव, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, और फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव तक बढ़ाया गया था.

अब, संसद के मानसून सत्र (21 जुलाई, 2025 से शुरू) से पहले बीजेपी को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने की उम्मीद है.सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल खट्टर, और शिवराज सिंह चौहान इस पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. रघुबर दास का नाम भी चर्चा में है, जिन्हें झारखंड में स्थिर शासन देने और संगठन में मजबूत पकड़ के लिए जाना जाता है।हालांकि, सूत्रों की माने तो बीजेपी के नए अध्यक्ष का चयन में आरएसएस की सहमति बहुत हद तक शामिल होती है और संघ की मंजूरी के बिना इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देना संभव नहीं हो पाता है. माना जा रहा है कि इस बैठक में संघ के नेतृत्व और बीजेपी के संगठन मंत्रियों के बीच भी इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श ही सकता है.बीजेपी के अध्यक्ष चयन के अलावा, बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी. इसमें संघ की सामाजिक पहल, वैचारिक विस्तार, और प्रशिक्षण मॉड्यूल को मजबूत करने की रणनीति शामिल है. यह बैठक आरएसएस के शताब्दी समारोह की तैयारियों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. 11 क्षेत्रीय प्रमुखों, 46 प्रचारकों, और वरिष्ठ स्वयंसेवकों की भागीदारी के साथ यह बैठक संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं को अंतिम रूप देने पर केंद्रित होगी.पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए आरएसएस की ओर से हिंदू सम्मेलन आयोजित करने की योजना भी इस बैठक में चर्चा का हिस्सा हो सकती है. ये सम्मेलन हिंदू वोटों को एकजुट करने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.हालांकि अटकलों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अध्यक्ष बनाने की अटकलें भी लगाई गई हैं, लेकिन ऐसी किसी संभावना की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी और आरएसएस एक ऐसे नेता को चुनना चाहेंगे जो संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सके, साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती प्रदान करे।