अखिलेश यादव को मजबूत करेंगे रामजीलाल सुमन,दलित वोट बैंक पर पड़ी सपा की नजर

सपा अपने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के जरिये दलितों में पैठ बढ़ाएगी। इस मुद्दे को आगे भी गर्माये रखने की रणनीति है। पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि इससे भाजपा के धार्मिक ध्रुवीकरण के प्रयासों का जवाब जातीय ध्रुवीकरण से दिए जाने में मदद मिलेगी।सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा को लेकर विवादित बयान दिया था। इसके बाद करणी सेना ने उनके खिलाफ आगरा में प्रदर्शन किया। रामजीलाल सुमन के आवास पर तोड़फोड़ भी हुई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शनिवार को रामजीलाल सुमन से मिलने आगरा गए।

वहां अखिलेश ने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं अपने दलित सांसद रामजीलाल सुमन के साथ खड़ा हूं। इस पर मुझे गोली मारने की धमकी मिल रही है। आखिरकार इसके पीछे कौन है। अगर सपा के लोग शिकायत कर रहे हैं तो भी एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है।रामजी लाल सुमन की पहचान दलित और गैर दलित की राजनीति न करने वाले नेता के रूप में है। इसके बावजूद सपा नेतृत्व अब उन्हें दलित सांसद के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, तो इसके पीछे एक सोची-समझी रणनीति है। क्योंकि, जब समाज जातियों में बंटकर वोट करेगा तो सपा को फायदा मिलना तय माना जाता है। वहीं, धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण भाजपा को लाभ पहुंचाता है।