रामगढ़ सीट के विधायक सतीश यादव नहीं जाएंगे इधर-उधर,भाजपा की साजिश होगी नाकाम!
बिहार में बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर अपने अस्तित्व संबंधी संकट से जूझती नजर आ रही है. हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट पर मिली जीत भी अब राजनीतिक विवादों और खींचतान के केंद्र में आ गई है. कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से बसपा के सतीश कुमार सिंह यादव ने मात्र 30 वोट के अंतर से बीजेपी उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह को हरा दिया था.बीएसपी ने पटना में स्थित महाराजा कॉम्प्लेक्स में आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष उनके अकेले विधायक को तोड़ने की कोशिश कर रहा है,उन्हें कई तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं. बैठक में मौजूद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने संगठन की मजबूती और विधायकों की निष्ठा पर जोर देते हुए कहा कि पार्टी दल बदल के किसी भी प्रयास का डटकर मुकाबला करेगी.पटना की बैठक में मौजूद बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने दावा किया कि सत्ता पक्ष लगातार संपर्क साध रहा है और सतीश यादव को अपने पक्ष में करने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन बसपा विधायक किसी भी दबाव या लालच में नहीं आने वाले हैं.

यह आरोप इसलिए भी अहम माने जा रहे हैं क्योंकि बिहार में BSP विधायकों के दलबदल का इतिहास रहा है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की चैनपुर सीट पर बसपा के मोहम्मद जमा खान ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2021 में उन्होंने बसपा का साथ छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बना दिया था।जमा खान इस बार भी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर चैनपुर से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार फिर नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए हैं. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं.इस पृष्ठभूमि में बसपा को आशंका है कि 2025 में जीत हासिल करने वाले उनके एकमात्र विधायक भी सत्ता पक्ष की रणनीति का निशाना बन सकते हैं. BSP की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई और पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिया कि संगठन किसी भी प्रकार की टूट या दल बदल की आशंका को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.बिहार विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की टिकट पर अशोक कुमार सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया था. दूसरी तरफ महागठबंधन की तरफ से RJD के अजित कुमार उन्हे टक्कर दे रहे थे. हालांकि इन सब के बीच तीसरे मोर्चे के तौर पर BSP की टिकट पर सतीश कुमार सिंह यादव चुनाव लड़ रहे थे.रामगढ़ सीट से बसपा के नवनिर्वाचित विधायक सतीश कुमार सिंह यादव मूल रूप से कैमूर जिले के रहने वाले हैं. सतीश यादव के पिता का नाम अगुन सिंह यादव है. सतीश यादव 39 साल के हैं. शुरुआती पढ़ाई बिहार से ही की है, इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से किया. चुनाव में सतीश कुमार को 72689 वोट मिले तो वहीं भाजपा के अशोक कुमार को 72659 वोट मिले. आरजेडी के अजित कुमार तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 41480 वोट मिले।
