कल से यात्रा शुरू करेंगे राहुल गांधी,SIR के खिलाफ दिखाएंगे अपनी ताकत

 कल से यात्रा शुरू करेंगे राहुल गांधी,SIR के खिलाफ दिखाएंगे अपनी ताकत
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बिहार में SIR को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज है. विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. विपक्षी दलों का मानना है कि चुनाव आयोग ने यह प्रक्रिया बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए शुरू की है. इस दौरान बड़ी संख्या में गरीब वोटरों के नाम काटे जाने की आशंका जता रहे हैं. एसआईआर के खिलाफ इंडिया ब्लाक के नेता एक बार बिहार बंद का आह्वान कर चुके हैं. अब संसद के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बिहार में यात्रा शुरू करनेवाले हैं.17 अगस्त को सासाराम जिले से शुरू होने वाली इस यात्रा के दौरान, राहुल गांधी 16 दिनों में लगभग 1,300 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उनका मुख्य उद्देश्य 18-29 वर्ष की आयु के युवा मतदाताओं को संगठित करना होगा, जो कुल मतदाताओं का लगभग 40 प्रतिशत हैं.

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यह समूह विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।कांग्रेस नेताओं का कहना है कि युवा मतदाताओं ने 2020 के विधानसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई थी. उनसे बिहार विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद है, क्योंकि 2025 में उनमें से लगभग 60 प्रतिशत के पास सोशल मीडिया तक पहुंच है. इसी के अनुरूप कांग्रेस की युवा शाखाएं जो पूर्वी राज्य में युवा मतदाताओं के साथ काम कर रही हैं, यात्रा में सक्रिय भूमिका निभाएंगी.बिहार के प्रभारी एआईसीसी सचिव देवेंद्र यादव ने मीडिया को बताया, “बिहार के युवा राज्य की एनडीए सरकार से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. जेडीयू-बीजेपी मिलकर भी युवाओं की रोज़गार सृजन और शिक्षा व्यवस्था में सुधार से जुड़ी चिंताओं को दूर करने में विफल रही है. इसलिए युवा अब इंडिया ब्लॉक और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव जैसे युवा नेताओं की ओर देख रहे हैं. राहुल गांधी की आगामी यात्रा वोट के अधिकार पर खतरे पर केंद्रित होगी, जो एक संवैधानिक अधिकार है. बिहार के युवा वोट चोरी को लेकर बेहद चिंतित हैं।यात्रा के दौरान, राहुल गांधी एसआईआर के प्रति इंडिया ब्लॉक के कड़े विरोध को उजागर कर सकते हैं. यह भी बता सकते हैं कि भाजपा ने मसौदा मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए जाने का कभी विरोध नहीं किया. साथ ही, यह भी बता सकते हैं कि जब भी विपक्ष ने चुनाव आयोग से सवाल किया, बीजेपी ने जवाब दिया. पार्टी सूत्रों के अनुसार 14 अगस्त को शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को जो निर्देश दिया है कि वह 19 अगस्त तक मसौदा मतदाता सूची से हटाये गये सभी 65 लाख मतदाताओं के नाम प्रकाशित करें, इससे राहुल गांधी की यात्रा को बड़ा मुद्दा मिल गया।

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