66 दिन,15 राज्य और 6 हजार किमी की पदयात्रा करके राहुल गांधी होंगे सफल!भारत जोड़ो न्याय यात्रा से होगी चुनावी लाभ

 66 दिन,15 राज्य और 6 हजार किमी की पदयात्रा करके राहुल गांधी होंगे सफल!भारत जोड़ो न्याय यात्रा से होगी चुनावी लाभ
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर से यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. इस बार उनकी यात्रा का नाम होगा भारत जोड़ो न्याय यात्रा. 14 जनवरी को पूर्वोत्तर के इंफाल से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होने वाली यह यात्रा 15 राज्यों के 116 जिलों से गुजरने वाली है. यात्रा इन 66 दिनों में 6713 किमी की दूरी तय करेगी. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे और आज बेहद कमजोर हो चले उत्तर प्रदेश से यह यात्रा सबसे ज्यादा 11 दिनों तक गुजरेगी.कांग्रेस पार्टी ने जो रूट तय किया है, उसके मुताबिक इस दौरान उत्तर प्रदेश के 20 जिलों तक यह यात्रा पहुंचेगी. राहुल की इस यात्रा के राजनीतिक मतलब अभी से निकालने शुरू कर दिए गए हैं.इस साल देश में आम चुनाव होने वाले हैं. इसलिए राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का राजनीतिक महत्व बढ़ जाता है. इसकी शुरुआत भी हिंसा की चपेट में आए मणिपुर की राजधानी इंफाल से की जा रही है. यानी कांग्रेस एक तरह से मणिपुर के लोगों के ताजा जख्मों पर मरहम लगाकर राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश करती दिख रही है।

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यात्रा को लेकर ताजा-ताजा बने विपक्ष के इंडिया गठबंधन में किसी प्रकार का गलत संदेश न जाए, इसके लिए गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को कांग्रेस की ओर से यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया गया है. आम लोगों को इस यात्रा से जोड़कर लोकसभा चुनाव में अपनी ओर करने के मकसद से कांग्रेस ने सभी नागरिक संगठनों और देश के आम लोगों से इससे जुड़ने का आह्वान किया है.इस बार राहुल की यात्रा में बस का इस्तेमाल किया जाएगा और ज्यादातर हिस्सा बस से पूरा होगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके. राहुल रोज आठ से 10 किमी पैदल चलेंगे तो 70 से 80 किमी बस से यात्रा करेंगे. इस दौरान वह आम लोगों से मुलाकात भी करते रहेंगे. यानी रोज करीब सौ किमी की यात्रा के दौरान राहुल गांधी लगभग सौ लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे.राहुल की यह यात्रा पिछली यात्रा से ज्यादा हिस्सा कवर करेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा की थी. तब वे 14 राज्यों से गुजरे और 145 दिनों में लगभग 3700 किमी की दूरी पैदल तय की थी. इसमें समय ज्यादा लगा था और कम लोगों तक पहुंच पाए थे.लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सबसे ज्यादा समय उत्तर प्रदेश को देगी और वोटरों को साधने की कोशिश करेगी. 11 दिन यूपी में यात्रा के दौरान लखनऊ और वाराणसी जैसे वीआईपी इलाके तो कवर किए ही जाएंगे, कभी कांग्रेस का गढ़ रहे अमेठी और रायबरेली में भी पार्टी अपना खोया जनाधार ढूंढ़ने की कोशिश करेगी. यात्रा रूहेलखण्ड और बृज क्षेत्र के जिलों से भी गुजरेगी. कांग्रेस हर हाल में इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपनी सीटों में वृद्धि करना चाहती है.इस यात्रा के माध्यम से पार्टी उत्तर प्रदेश के अलावा ओडिशा और गुजरात पर भी नजरें गड़ाए है. इसीलिए यूपी के साथ ही इन दोनों राज्यों में यात्रा को ज्यादा समय दिया गया है. कांग्रेस कहीं न कहीं अब यह मानकर चलने लगी है कि यात्रा उसका ब्रांड बन चुकी है और इसके जरिए जनता तक पहुंच बनाई जा सकती है. इस बार यात्रा के दौरान वे सभी कमियां दूर करने का कांग्रेस जरूर प्रयास करेगी, जो पिछली बार की यात्रा में रह गई थीं.राजनीति के जानकार मानते हैं कि शुरू में तो लोगों ने राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा को गंभीरता से नहीं लिया था. पर, राहुल ने जब भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, किसानों और बेरोजगारों के मुद्दों पर बात की तो कहीं न कहीं उनकी राजनीतिक छवि को फायदा पहुंचा. भले ही मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को फायदा नहीं मिला पर इतना जरूर हुआ कि पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा. इसके बाद कहीं न कहीं लोग राहुल को गंभीरता से लेने लगे हैं और उनकी बात सुनते भी हैं।

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