प्रशांत किशोर पड़ गए डाउन,NDA और महागठबंधन के सामने नहीं चला जन सुराज का दांव?

 प्रशांत किशोर पड़ गए डाउन,NDA और महागठबंधन के सामने नहीं चला जन सुराज का दांव?
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की सुगबुगाहट शुरू हो रही थी तो अचानक सभी अखबारों में प्रमुखता से पूरे कवर पेज का विज्ञापन आया। अनजाना-सा नाम सामने आया। सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी पर बैठने का दावा करते हुए। नाम था पुष्पम प्रिया चौधरी का। इस बार, प्रशांत किशोर ने उस तरह से विज्ञापन तो नहीं दिया, लेकिन मीडिया के जरिए यह माहौल बनाया कि वह आने वाले समय में बिहार के सत्ता की चाबी रखेंगे। लेकिन, यह क्या! प्रशांत किशोर तो धम्म हो गए दिख रहे हैं एग्जिट पोल में। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का चुनाव परिणाम 14 नवंबर की शाम आएगा, लेकिन एग्जिट पोल पीके और उनकी जन सुराज पार्टी की हवा खराब दिखा रहा है।जन सुराज पार्टी खड़ी करने वाले प्रशांत किशोर ने बहुमत हासिल करने का दावा किया था, लेकिन एग्जिट पोल में उन्हें कहीं शून्य तो कहीं दो-तीन तक सीटें मिलती दिख रही हैं। सिर्फ एक एग्जिट पोल में उन्हें 13 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। हालांकि, उस एग्जिट पोल में भी उन्हें शून्य से 13 के बीच रखा गया है। मतलब, शून्य पर भी रह सकते हैं। ज्यादातर ने उन्हें शून्य से ही शुरू किया है। तीन ने एक या दो सीटों से शुरुआत की है।एजेंसी NDA महागठबंधन जनसुराज अन्यमैट्रीज आईएएनएस 147-167 70-90 – 2-6पीपल्स पल्स 133-159 75-101 0-5 2-8जेवीसी पोल 135-150 88-103 0-13 -6 (यानी कम/नगण्य)पीपल्स इनसाइट 133-148 87-102 0-2 3-6चाणक्य स्ट्रैटजीज 130-138 100-108 – 3-5पोलस्ट्रैट 133-148 87-102 2-3 5पोल डायरी 184-209 32-49 – 1-5प्र6जा पोल एनालिटिक्स 186 50 0 0-7टीआईएफ रिसर्च 145-163 76-95 – 3-6पी-मार्क 142-162 80-98 1-4 0-3डीवी रिसर्च 137-152 83-98 2-4 1-8जन सुराज पार्टी की यह हालत हुई तो क्यों?

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अभी परिणाम आना बाकी है, लेकिन न केवल एग्जिट पोल बल्कि इसके पहले ‘अमर उजाला’ की ग्राउंड रिपोर्ट में भी सामने आ रहा था कि बिहार की दो से पांच सीटों पर ही जन सुराज पार्टी की चर्चा है। वह चर्चा भी किसी खास प्रत्याशी के कारण या सामने वाले के कारण। इसकी वजह पूछने पर लोगों ने एक बात लगभग हर जगह दुहराई कि अगर प्रशांत किशोर खुद चुनाव मैदान में उतरते तो कुछ बात बन सकती थी। उनका मैदान छोड़े रहना और कहीं से नहीं लड़ना सबसे बड़ा कारण रहा। इसके अलावा, बीच-बीच में उनके एजेंडे भले सुर्खियों में रहे, लेकिन ज्यादातर समय वह गायब भी रहे। इसका असर भी एग्जिट पोल में नजर आ रहा है। प्रशांत किशोर ने अपने दम पर बहुमत लाने का दावा किया था, हालांकि एग्जिट पोल यह बता रहा है कि उनके प्रत्याशियों की जमानत सारी चुनाव आयोग के खाते में जाने के लिए रह गई।पुष्पम प्रिया चौधरी का पिछली बार क्या हुआ?बिहार विधानसभा में द प्लुरल्स पार्टी के नाम से पुष्पम प्रिया चौधरी ने पिछली बार 102 सीटों पर प्रत्याशी दिए थे। उनके सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। पुष्पम प्रिया खुद दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव मैदान में थीं, लेकिन कुछ हासिल नहीं कर सकीं। इस बार भी पुष्पम प्रिया चुनाव मैदान में हैं, लेकिन बहुत चर्चा में नहीं।

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