महाकुंभ को लेकर सियासत हुई तेज,बोली कांग्रेस-दलितों-पिछड़ों के खिलाफ साजिश का केंद्र है महाकुंभ

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में जमकर श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. कल मौनी अमावस्या के दिन दूसरे अमृत स्नान से पहले महाकुंभ मेला क्षेत्र में भीड़-भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है. इस बीच सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में पिछड़ों के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है और कुछ संत संविधान के खिलाफ बातें कर हिंदू राष्ट्र बनाने की तैयारी कर रहे हैं और ये सब बीजेपी करवा रही है.उदित राज ने कहा, ‘सनातन अगर वर्ण व्यवस्था की बात करता है तो क्या यह ठीक है? सरकार महाकुंभ का आयोजन सरकारी पैसे पर कर रही है, और वहां हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. चंद संत संविधान के खिलाफ बातें कह रहे हैं और हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान तैयार कर रहे हैं. क्या वह स्थान आस्था का केंद्र है या दलितों और पिछड़ों के खिलाफ साजिश का केंद्र है, इस पर बीजेपी जवाब नहीं देती. वहां 12 महीने और 12 दिन में एक संविधान तैयार किया गया है, जिसमें मनुस्मृति का अंश है… इस पर बीजेपी को बोलना चाहिए. ये सब बीजेपी ही करवा रही है. बीजेपी दलितों और पिछड़ों को गुलाम बनाने की साजिश के तहत यह सब कर रही है.’मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या दिया बयान?वहीं, बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर उनके महाकुंभ दौरे को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा था कि शाह के गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नहीं होगी. भगवा पार्टी के नेता कैमरों की खातिर गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए एक-दूसरे से होड़ मची हुई है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.खरगे ने कहा, ‘क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म हो जाती है? क्या इससे पेट भरता है?

मैं किसी की आस्था पर सवाल नहीं उठाना चाहता. अगर किसी को बुरा लगता है तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन मुझे बताइए, जब कोई बच्चा भूख से मर रहा हो, स्कूल नहीं जा रहा हो, मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा हो, ऐसे समय में ये लोग हजारों रुपए खर्च कर रहे हैं और गंगा में डुबकी लगाने की होड़ में लगे हैं.’आरजेडी ने किया खरगे का बचावमल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘महाकुंभ आस्था का विषय है. कुंभ पहले भी लगते थे, लेकिन ये बीजेपी का कुंभ नहीं है. उनका (मल्लिकार्जुन खरगे) आस्था पर कोई सवाल नहीं था. सनातन धर्म को बीजेपी अपना बनाकर इस पर वोट की राजनीति करती है. इसी पर मल्लिकार्जुन खरगे का निशाना था.’ दरअसल, महाकुंभ में अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन स्नान कर चुके हैं.