भारत के विकास के लिए सीमाओं पर शांति जरूरी है,इस बार सेना से कोई प्रमाण नहीं मांग रहा,खूब गरजे उपराष्ट्रपति धनखड़

 भारत के विकास के लिए सीमाओं पर शांति जरूरी है,इस बार सेना से कोई प्रमाण नहीं मांग रहा,खूब गरजे उपराष्ट्रपति धनखड़
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गोवा में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने विकसित भारत को लेकर बात की. धनखड़ ने कहा, हमारा लक्ष्य है 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनना, इसके लिए सीमाओं पर शांति जरूरी है. जोकि आर्थिक विकास युद्ध जैसे हालातों में संभव नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई दल सवाल भी खड़े कर रहे हैं और सबूत तक मांगे गए हैं. इसी पर बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, कोई प्रमाण नहीं मांग रहा, सैनिकों की तरफ से लाए गए आतंकवादियों के ताबूतों ने सारी दुनिया को सच्चाई दिखा दी है।धनखड़ ने आगे कहा, प्रधानमंत्री का जुनून विकास के लिए है, वो तेज और बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन में विश्वास रखते हैं.

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कार्यक्रम के इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल श्री पी. एस. श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री शान्तनु ठाकुर, सचिव (पोर्ट्स, शिपिंग और जलमार्ग) श्री टी. के. रामचंद्रन, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारी, पोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।बंदरगाह में कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इसी मौके पर उन्होंने विकसित भारत की अहमियत को लेकर बात की. इस मौके पर उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र, विकसित भारत बने. इसके लिए प्रति व्यक्ति आय में 8 गुना वृद्धि जरूरी है।उन्होंने आगे कहा, यह तभी संभव है जब हमारी सीमाओं पर शांति हो. आर्थिक विकास युद्ध जैसे हालातों में नहीं हो सकता. विकास और प्रगति के लिए शांति जरूरी है. शांति आती है शक्ति से — सुरक्षा की शक्ति, आर्थिक शक्ति, विकास की शक्ति. उपराष्ट्रपति ने कहा, मैंने कई अवसरों पर यह दोहराया हैऔर आज फिर दोहराता हूं — राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राष्ट्रवाद के प्रति अडिग और अटल प्रतिबद्धता और निरंतर तैयारी जरूरी है।

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