विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ हुए पंचायत सचिव,थाना पहुंचकर लगा दी बड़ी आरोप

पटना के मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र की मुश्किल अब बढ़ने लगी है। उनके द्वारा पंचायत सचिव संदीप कुमार को फोन पर गाली गलौज और जूता मारने की धमकी देने के मामले में पीड़ित पंचायत सचिव ने एससीएसटी थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। थाना को दिए गये आवेदन में पंचायत सचिव ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजद विधायक ने उनको प्रोटोकॉल का पाठ पढ़ाते हुए जूता मारने की बात कह रहे थे। साथ ही यह भी कहा कि विधायक को नहीं पहचानने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी, लेकिन कौन सी कार्रवाई हो सकती है इस बात पर संदेह है। पंचायत सचिव ने कहा कि अंत में विधायक जी ने जिस तरह से कहा है वैसे में डरना जरुरी है।भाई वीरेंद्र पंचायत सचिव को धमकाते हुए सुने जा रहे हैं। विधायक ने ये कॉल किसी व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किया था, लेकिन बातचीत के दौरान मामला गर्म हो गया। पंचायत सचिव ने विधायक का परिचय पूछ लिया। इसके बाद विधायक नाराज हो गए। प्रोटोकॉल के तहत विधायक को प्रणाम नहीं करने पर भी भाई वीरेंद्र भड़क गए। उन्होंने पंचायत सचिव संदीप कुमार को जूता मारने के धमकी दी। साथ ही यह भी कहा कि तुम्हें कॉल रिकॉर्ड करना हो तो कर लो। ऑडियो में भाई वीरेंद्र सचिव से गुस्से में कहते हैं कि मुझे पूरा हिंदुस्तान जानता है, तुम कैसे नहीं जानते? पहले प्रणाम क्यों नहीं किया? जब सचिव ने कहा कि वो आवाज नहीं पहचान पाए, तोहै विधायक भड़क गए और सचिव से बेहद तीखे शब्दों में बात करने लगे।हालांकि इस संबंध में राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने अपनी बात सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। उन्होंने लिखा है कि, “मेरे विधानसभा क्षेत्र के एक पंचायत सचिव द्वारा मेरी एक रिकॉर्डेड कॉल को जानबूझकर सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल किया जा रहा है। उस कॉल में मैंने कुछ कड़े शब्द ज़रूर कहे, जिसका मुझे खेद है — लेकिन यह बात भी सभी जान लें कि जब मैंने उसे फोन किया, वह न तो शिष्टाचार से पेश आया, न अभिवादन किया और न ही जनता के कार्य को गंभीरता से लिया। मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और जनता की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता हूं। जब एक पंचायत सचिव मुझे इस तरह की बेतुकी और लापरवाह भाषा में जवाब देता है, तो ज़रा सोचिए — वह आम जनता, गरीबों, और जरूरतमंदों से कैसा व्यवहार करता होगा?राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने आगे लिखा है कि, “इसके साथ ही मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस तरह से एक सरकारी पदाधिकारी द्वारा कॉल रिकॉर्ड कर उसे सार्वजनिक रूप से प्रसारित करना, न केवल आचरण नियमों का उल्लंघन है, बल्कि निजता के अधिकार और आईटी अधिनियम के तहत कानूनी रूप से दंडनीय अपराध भी हो सकता है। मेरे शब्दों को काट-छांट कर पेश करना और पूरे संदर्भ को नजरअंदाज़ करके एकतरफा ऑडियो फैलाना बेहद निंदनीय है। मैं अपने क्षेत्र की जनता से वादा करता हूं कि ऐसे अधिकारियों की कार्यशैली को जवाबदेह बनाया जाएगा। मैं हमेशा से जनता की आवाज़ बना हूं और आगे भी रहूंगा। जो लोग इस तरह के हथकंड़ों से मुझे कमजोर समझ रहे हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए — जनता सब देख रही है और आख़िर में जीत सच्चाई की ही होगी।”