पाकिस्तान के पीएम ने भारत के खिलाफ दिखाई गीदड़ भभकी,बोले-हमारे हक की चीजें कोई नहीं छीन सकता!
भारत की तरफ से 1960 के सिंधु जल समझौते को अस्थायी रूप से निलंबित करने के बाद पाकिस्तान लगातार बौखलाया हुआ है. आए दिन पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी से लेकर नेता बयानबाजी करते रहे हैं. बिलावल भुट्टो के हाल ही में दिए गए सिंधु जल संधि के बयान के बाद अब पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी भारत के खिलाफ जहर उगला है. उन्होंने गीदड़ भभकी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान अपने हक का एक बूंद पानी भी भारत से छिनने नहीं देगा. हाल ही में PAK सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिका दौरे पर जाते हुए ये भी कहा था कि अगर भारत डैम बनाएगा तो पाकिस्तान उसे मिसाइल से गिरा देगा. उन्होंने परमाणु हमले की धमकी देते हुए कहा, अगर हम डूब रहे हैं तो आधी दुनिया को साथ ले डूबेंगे. इसके अलावा पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी सिंधु जल समझौते से जुड़े मामले पर बयानबाजी कर चुके हैं.इस बीच भारत ने जम्मू-कश्मीर के सिंधु गांव के पास चिनाब नदी पर नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है.

पाकिस्तान को डर है कि इस प्रोजेक्ट से भारत पानी रोक सकता है और उसके कृषि, सिंचाई और बिजली उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा. हालांकि भारत का रुख साफ है, यह प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों और भारत के अधिकार क्षेत्र में आता है. पाकिस्तान की चिंता इस तथ्य से भी बढ़ रही है कि सतलज, ब्यास और रावी नदियों का नियंत्रण पहले से भारत के पास है और अब अगर सिंधु बेसिन की अन्य नदियों पर भी भारत सक्रिय हो गया तो उसका पानी संकट गंभीर हो जाएगा.जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 1960 के सिंधु जल समझौते को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. यह फैसला कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में लिया गया था, जिसका मकसद पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षण देने के लिए सबक सिखाना था. इस फैसले के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व दोनों ही स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है।सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों से पाकिस्तान का 80% सिंचाई और कृषि उत्पादन होता है. यही नदियां उसकी 70% पानी की जरूरतें पूरी करती हैं. पानी रुकने की स्थिति में खरीफ और रबी दोनों सीजन में बुवाई और कटाई पर असर पड़ेगा. लाहौर, कराची और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में पीने के पानी की कमी हो जाएगी. टेक्सटाइल सेक्टर, जो पाकिस्तान के कुल निर्यात का 60 फीसदी हिस्सेदारी रखता है वह भी गंभीर रूप से प्रभावित होगा. पाकिस्तान की 33% बिजली हाइड्रोपावर से आती है, जिस पर भी असर पड़ेगा।विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुए 1960 का सिंधु जल समझौते के तहत भारत को रावी, व्यास और सतलुज का नियंत्रण मिला है. पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब का नियंत्रण दिया गया. अब, समझौते के निलंबन और नए प्रोजेक्ट्स के शुरू होने से संतुलन बदलने की संभावना है।
