बांग्लादेश पर ओवैसी ने दी चेतावनी,अल्पसंख्यकों की होनी चाहिए रक्षा
बांग्लादेश के मौजूदा हालात किसी से छिपे नहीं हैं. किस तरह वहां हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. इस तरह के हालात पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने रविवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की निंदा की और भारत-बांग्लादेश संबंधों की मजबूती पर जोर दिया.ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी AIMIM, बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल के मर्डर की कड़े शब्दों में मज़म्मत करती है. इसके साथ ही बांग्लादेश के साथ रिश्ते मजबूत बनाए रखने के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों का सपोर्ट करती है.असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बांग्लादेश धर्मनिरपेक्ष बांग्ला राष्ट्रवाद के आधार पर बना था और बांग्लादेश में 2 करोड़ अल्पसंख्यक रहते हैं जो मुसलमान नहीं हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव नहीं बढ़ेगा.
दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की दुखद घटना के मामले में बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है. वह उनके अपने संवैधानिक जनादेश के खिलाफ है. मुझे उम्मीद है कि यूनुस यह सुनिश्चित करेंगे कि बांग्लादेश में रहने वाले सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाए.ओवैसी ने कहा कि हमें यह भी याद रखना चाहिए कि बांग्लादेश में स्थिरता भारत की सुरक्षा, खासकर पूर्वोत्तर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, बांग्लादेश में एक लोकप्रिय क्रांति हुई है, और हमें उम्मीद है कि जब फरवरी में चुनाव होंगे, तो भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध हमेशा के लिए बेहतर होंगे. हमें यह भी याद रखना चाहिए कि ISI, चीन और वे सभी ताकतें जो भारत की दुश्मन हैं. अब बांग्लादेश में हैं.ओवैसी ने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह गलत है. लेकिन साथ ही हमें अपने देश में हो रहा है. उसे भूलना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को, ओडिशा के संबलपुर में पश्चिम बंगाल के एक मजदूर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. उत्तराखंड में MBA कर रहे एक आदिवासी लड़के, एंजेल चकमा को पीटा गया. उसकी मौत हो गई. तो ये सभी इस बात के साफ उदाहरण हैं कि जब कानून का राज टूटता है और बहुसंख्यक-आधारित राजनीति सब कुछ पर हावी हो जाती है.इस तरह की लिंचिंग होती हैं, जिसकी हमें निंदा करनी होगी.”
