बिहार चुनाव से पहले एकजुट हुआ विपक्ष,राहुल गांधी ने बना दिया माहौल

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले SIR और वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा में इंडिया गठबंधन के आला नेता राहुल गांधी के साथ जुड़ रहे हैं. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई 16 दिवसीय यात्रा 1 सितंबर को पटना में एक महारैली के रूप में समाप्त होगी. इसमें विपक्षी एकता का प्रदर्शन किया जाएगा. इस महारैली में इंडिया गठबंधन के आला नेताओं के शामिल होने की संभावना है.एक सितंबर तक चलने वाली वोटर अधिकार यात्रा राहुल गांधी की तीसरी यात्रा है, इसे पहले उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो यात्रा-2 की थी, लेकिन उस यात्रा में विपक्षी पार्टी के नेताओं की उपस्थिति बहुत ही कम थी, लेकिन वोटर अधिकार यात्रा में इंडिया गठबंधन के नेता भी शामिल हो रहे हैं.

इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी गयाजी, शेखपुरा, नवादा, कटिहार, पूर्णिया, लखीसराय, मुंगेर, मधुबनी और दरभंगा जिले का दौरा कर चुके हैं और यह यात्रा सारण, भोजपुर, सीतामढी, पश्चिमी चंपारण और पटना जिलों से भी होकर गुजरेगी और एक सितंबर को पटना में महारैली के रूप में समाप्त होगी.लोकसभा चुनाव के बाद SIR के मुद्दे पर एकजुट हुए इंडिया गठबंधन के घटक दल के नेता अब राहुल गांधी के वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बिहार में एकजुट हो रहे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, भाकपा माले के नेता दीपकंर भट्टाचार्य, वीआईपी के नेता मुकेश सहनी सहित बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के नेता राहुल गांधी के साथ पूरी यात्रा में कंधा में कंधा मिलाकर चल रहे हैं. इस यात्रा ने नाराज पप्पू यादव को तेजस्वी यादव के साथ लाया है, तो मुकेश सहनी के गिले-शिकवे भी कम हो रहे हैं।वहीं, राष्ट्रीय स्तर और अन्य राज्यों के नेता जैसे तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन यात्रा में शामिल हो चुके हैं. अगले साल तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हैं और उससे पहले राहुल गांधी के नेतृत्व में हो रही वोटर अधिकार यात्रा में स्टालिन की उपस्थिति राजनीतिक रूप से खासा महत्वपूर्ण है और यह दक्षिण भारत की राजनीति में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की प्रसांगिकता को उजागर कर रही है.उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव गुरुवार को यात्रा में शामिल होंगे. इस यात्रा में इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेताओं के भी शामिल की संभावना है. इस यात्रा में इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेता की भागीदारी इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों के बीच गहरे सहयोग का संकेत दे रही है और इससे बिहार में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को और अधिक सक्रिय करने की उम्मीद है।वहीं, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ अखिलेश यादव की संयुक्त उपस्थिति विधानसभा चुनावों से पहले विपक्ष के अभियान को गति प्रदान करेगी. इस ब्लॉक का उद्देश्य चुनावी ईमानदारी और मतदाता समावेशन के एक समर्थक के रूप में खुद को स्थापित करना है और चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की प्रक्रियात्मक शुरुआत को चुनौती देना है.इससे पहले विपक्षी गठबंधन के नेता दिल्ली और रांची में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारियों के विरोध में आयोजित रैलियों के दौरान एक साथ आए थे. अब राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान गठबंधन के शीर्ष नेता एक बार फिर एक मंच पर आ रहे हैं. ट्रंप के बयान, ऑपरेशन सिंदूर के बाद SIR के मुद्दे पर संसद के बाहर और अंदर इंडिया गठबंधन के नेता एकजुट हो रहे हैं. इंडिया गठबंधन में वे पार्टियों भी शामिल हैं, जो एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी भी हैं. इनमें केरल और पश्चिम बंगाल अहम है. इसमें पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव हैं।