14 जुलाई को फिर मिलेंगे विपक्षी दल,शिमला की जगह जयपुर में लग सकता है नेताओं का जमावड़ा

विपक्षी दलों की अगली बैठक 14 जुलाई को होगी. फिलहाल बैठक शिमला में होनी है, लेकिन इसे जयपुर में भी किया जा सकता है. इस संबंध में अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है. इस बैठक की मेजबानी कांग्रेस करेगी.सूत्रों की मानें तो स्थान को लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. इस बार बैठक की अगुवाई कांग्रेस पार्टी करेगी. इससे पहले विपक्षी एकता दलों की बैठक 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में हुई थी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी मेजबानी की थी. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार को बिहार आ रहे हैं। वे लखीसराय के गांधी मैदान में भाजपा के नौ साल बेमिसाल अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियां गिनाएंगे। साथ ही मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर सांसद ललन सिंह के गढ़ से विपक्षी गालों पर करारा प्रहार भी करेंगे।शाह पटना में विपक्षी दलों की एकता बैठक में केंद्र सरकार और भाजपा पर लगाए गए आरोपों का जवाब भी महागठबंधन के नेताओं को देंगे। तीन महीने के अंतराल पर शाह बिहार आ रहे हैं। इससे पहले दो अप्रैल को नवादा में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का दावा है कि लखीसराय की सभा ऐतिहासिक होगी। मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में कमल खिलेगा। वही आपको बताते चलें कि मुंगेर लोकसभा में भाजपा ने कभी जीत दर्ज नहीं की है। एनडीए यह सीट नीतीश कुमार के खाते में रही। 2014 में भाजपा की मदद से लोजपा की जीत हुई थी। मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से ललन सिंह की जीत भाजपा की मदद से ही हुई है।
2014 में जब भाजपा से अलग होकर जदयू चुनाव लड़ा तो उसकी हार हो गई थी। मुंगेर में खासकर लखीसराय जिले वाले हिस्से में भूमिहार वोटर निर्णायक चर्चा है कि भाजपा यहां भूमिहार चेहरा विजय सिन्हा पर दांव लगा सकती है। पिछले कुछ दिनों से विजय सिन्हा लगातार यहां सक्रिय भी हैं। शाह का कार्यक्रम लखीसराय में लेने के पीछे भी विजय सिन्हा की भूमिका अहम रही है।