अब जिला स्तर पर ही होगा शिक्षकों के समस्याओं का समाधान,नीतीश सरकार ने दे दिया आदेश

 अब जिला स्तर पर ही होगा शिक्षकों के समस्याओं का समाधान,नीतीश सरकार ने दे दिया आदेश
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बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के लाखों शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए एक व्यापक दिशा-निर्देश जारी किया है. अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिलाधिकारियों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि शिक्षकों की शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर ही किया जाए. उन्होंने कहा कि अक्सर शिक्षक छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर सीधे राज्य मुख्यालय पहुंच जाते हैं, जिससे उन्हें व्यक्तिगत परेशानी होती है और सरकारी कामकाज भी बाधित होता है.बिहार में शिक्षा विभाग के तहत लगभग 10 लाख शिक्षक कार्यरत हैं. यदि इनमें से केवल 1% भी अपनी समस्याएं लेकर मुख्यालय पहुंचे तो यह संख्या 10,000 तक पहुंच जाएगी, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा सकती है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए विभाग ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल को और अधिक सशक्त बनाया है.

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इस पोर्टल के माध्यम से शिक्षक वेतन, अवकाश, स्थानांतरण, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं.डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि जिला स्थापना समिति, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करते हैं, शिक्षकों की समस्याओं का केस-टू-केस आधार पर निराकरण करेगी. केवल अत्यंत गंभीर और अंतर-जिला मामले ही राज्य स्तर पर विचार के लिए भेजे जाएंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों को सीधे मुख्यालय आने के बजाय पहले जिला स्तर पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक शनिवार को जनता दरबार आयोजित किया जाता है, जहां शिक्षक और आम नागरिक अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों के सामने रख सकते हैं. इसके बावजूद यदि शिकायतों का समाधान नहीं होता है तो शिक्षक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. हालांकि विभाग ने जिला अधिकारियों से कहा है कि वे शिकायतों को गंभीरता से लें, ताकि शिक्षकों को मुख्यालय आने की नौबत न आए।हाल ही में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं. विभाग के अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि कैंसर, गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, पति-पत्नी का स्थानांतरण और विधवा शिक्षिकाओं से संबंधित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा. इन शिकायतों को भी पहले जिला स्तर पर ही दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और छात्रों के खिलाफ भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं. ऐसी शिकायतें ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दर्ज की जा सकती हैं और इनकी त्वरित जांच की जाएगी. ऐसे मामलों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.एस सिद्धार्थ ने यह भी कहा है कि शिक्षक स्कूलों में बेंच-डेस्क की कमी, शौचालय, बिजली, पानी, स्मार्ट क्लास और भवन संबंधी समस्याओं की भी शिकायत कर सकते हैं. विभाग ने जिलाधिकारियों से कहा है कि वे इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करें ताकि शिक्षा का वातावरण बेहतर बन सके।कई शिक्षकों ने लंबित वेतन, गलत वेतन गणना और अवकाश स्वीकृति में देरी की शिकायत की है. एसीएस ने निर्देश दिया है कि ऐसी शिकायतों को 15 दिनों के भीतर निपटाया जाए. अगर कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यदि किसी शिक्षक के खिलाफ अनियमितता, गैर-हाजिरी या छात्रों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत मिलती है तो उसकी जांच जिला स्तर पर ही की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि निर्दोष शिक्षकों को परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन दोषी पाए जाने वालों को सख्त सजा दी जाएगी।

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