नौकरी के बदले जमीन मामले में अब 25 फरवरी को होगी अगली सुनवाई,सीबीआई की दलील पर हो सकता है बड़ा आदेश

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई) के पूरक आरोप पत्र पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसमें लालू प्रसाद यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ आरोप हैं। यह मामला 2004-2009 के बीच रेलवे में नौकरियों के बदले जमीनों के लेन-देन से जुड़ा है। दिल्ली की अदालत 25 फरवरी को तय करेगी कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और अन्य से जुड़े नौकरी के बदले जमीन मामले में दायर आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं? इससे पहले विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने को शुक्रवार को मामले पर निर्णय लेना था, लेकिन उन्होंने कुछ बिंदुओं पर सीबीआई की दलील सुनने के बाद मामले की सुनवाई 25 फरवरी को स्थगित कर दी। न्यायाधीश ने 30 जनवरी को आरोप-पत्र में दर्ज आरोपों में समानता और विशिष्टता के तत्वों के संबंध में सीबीआई से कुछ सवाल किए।

न्यायाधीश के सवाल सीबीआई की इस दलील को लेकर खड़े हुए कि उसे लोक सेवक आरके महाजन पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित मंजूरी मिल गई है। इससे पहले 16 जनवरी को न्यायाधीश ने कहा था कि यदि महाजन के खिलाफ मंजूरी 30 जनवरी तक संसाधित नहीं की जाती है, तो सक्षम प्राधिकारी सुनवाई की अगली तारीख तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करेगा। सीबीआई ने 26 नवंबर, 2024 को मामले में 30 आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से प्राप्त आवश्यक मंजूरी अदालत के समक्ष दाखिल की थी, जबकि यह बताया गया कि महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने के संबंध में मंजूरी का अभी भी इंतजार है।