नीतीश कुमार जाएंगे दिल्ली!क्या बनेंगे उपराष्ट्रपति?

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद देश की सियासत पूरी तरह से बदल गई है. हर ओर धनखड़ के ही इस्तीफे की चर्चा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया तो दूसरी ओर गृह मंत्रालय ने इस पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इस्तीफे के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अचानक चर्चा में आ गए हैं.दिल्ली में उपराष्ट्रपति का इस्तीफा और इससे सबसे ज्यादा हलचल मची है तो वह है बिहार. यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने मंगलवार को दावा किया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी की ओर से रची गई एक साजिश है, जिसका मकसद बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार को हटाना है.हालांकि, राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बनाने वाले नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और मंत्री श्रवण कुमार ने ऐसे किसी भी दावे को नकार दिया. उनका कहना है कि अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नीतीश को NDA का चेहरा घोषित किया गया है.नीतीश कुमार के नाम का जिक्र करते हुए बिहार विधानसभा में आरजेडी के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने दावा किया, “लंबे समय से, बीजेपी नीतीश से छुटकारा पाना चाह रही था ताकि वह यहां पर अपना मुख्यमंत्री बना सके. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ही वे हताश हो गए हैं, जिसमें एनडीए की हार निश्चित है.”आरजेडी नेता शाहीन ने मीडिया से बातचीत में दावा किया, “बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता लंबे समय से नीतीश को हटाने के पक्ष में बोलते रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने तो एक बार नीतीश को उपप्रधानमंत्री बनाने की वकालत तक कर दी थी. इसलिए, यह तय करना गलत नहीं होगा कि धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी की एक साजिश है, जिसका मकसद उपराष्ट्रपति जैसा राजनीतिक रूप से कल महत्व वाला पद देकर नीतीश कुमार को हटाना है.”इसी तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री और दिवंगत नेता सुशील कुमार मोदी ने एक बार दावा किया था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के लिए पैरवी कर रहे हैं और जब लोकसभा में बहुमत रखने वाली बीजेपी ने जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष को पद देने से इनकार कर दिया, तो वह एनडीए से बाहर हो गए थे.

नीतीश ने साल 2022 में बीजेपी से नाता तोड़ लिया और उस पर जेडीयू को तोड़ने की साजिश रचने का बड़ा आरोप लगाया था, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले उन्होंने अपना इरादा बदला और फिर से एनडीए के साथ गठबंधन कर लिया. चुनाव के बाद जेडीयू का प्रदर्शन बढ़िया रहा और पार्टी एनडीए में एक अहम सहयोगी बन गई क्योंकि केंद्र की सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी को जेडीयू के समर्थन की दरकार हमेशा रहेगी.इस बीच, जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने आरजेडी नेता के दावे पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “नीतीश के बिहार छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है. वह यहीं रहेंगे, और विधानसभा चुनावों में एनडीए को बड़ी जीत दिलाएंगे. साथ ही बिहार की जनता की सेवा करते हुए एक और कार्यकाल पूरा करेंगे.”इससे पहले उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सोमवार शाम सभी को चौंकाते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. हालांकि विपक्ष में अचानक इस्तीफे को लेकर कई तरह की बातें की जा रही है।