कोलकाता मामले में नेशनल टास्क फोर्स का किया गया गठन,सुप्रीम कोर्ट ने उठाया बड़ा कदम
कोलकाता के सरकारी अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आठ सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि टास्क फोर्स में भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, स्वास्थ्य मंत्रालय के सेक्रेटरी, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के चेयरपर्सन को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि दस डॉक्टर्स की एक टास्क फ़ोर्स गठित की जा रही है। ये सभी स्टेक होल्डर्स से परामर्श करेंगे। कोर्ट ने कहा कि इसमें एक राष्ट्रीय सहमति विकसित की जानी चाहिए। इसलिए निम्नलिखित के साथ एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
एडमिरल आरती सरीन, महानिदेशक चिकित्सा सेवा नौसेना डॉ डी नागेश्वर रेड्डीडॉ एम श्रीनिवास, एम्स दिल्ली निदेशक डॉ प्रतिमा मूर्ति, एनआई एम एच ए एन एस बैंगलोर डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, एम्स जोधपुर डॉ. सोमीक्रा रावत, सदस्य गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली प्रोफेसर अनिता सक्सेना, कुलपति पल्लवी सैपले, जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स पद्मा श्रीवास्तव, चेयरपर्सन न्यूरोलॉजी, पारस हॉस्पिटल गुड़गांवसुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि टास्क फोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करेगी। लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करना होगा। कमेटी इन विषयों पर भी अपनी रिपोर्ट देगी।