पूरी तरह से घिर गए मुस्लमान!ईरान ने कर दी बड़ी ऐलान

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ईरान ने लाखों अफगान शरणार्थियों और प्रवासियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है, सरकारी बयान में कहा गया था कि अगर तय समय सीमा तक देश नहीं छोड़ा, तो उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ेगा. पिछले साल ऐसा ही आदेश पाकिस्तान सरकार द्वारा दिया गया था. जिसके बाद से पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों को जबरन अफगानिस्तान भेजना जारी है. अब ऐसे ही हालात ईरान में भी देखने मिल सकते हैं.हालांकि ईरान 2023 से ही अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इजराइल के साथ युद्ध के बाद इसको सख्ती से लागू किया जा रहा है. अफगानिस्तान की सीमा ईरान और पाकिस्तान दोनों देशों के साथ मिलती है. गरीबी और 20 सालों तक चले युद्ध से बचने के लिए कई अफगान परिवारों ने पड़ोसी देशों में पलायन किया था.

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ईरान की इस कार्रवाई ने मानवीय संगठनों की चिंता बढ़ा दी है, जिन्होंने चेतावनी दी है कि निर्वासन से अफगानिस्तान में और अस्थिरता आ सकती है, जो पहले से ही दुनिया के सबसे गरीब और कमजोर देशों में से एक है.अल जजीरा के मुताबिक यह कार्रवाई इजराइल के साथ 12 दिनों के युद्ध के बाद बढ़े तनाव और सुरक्षा संबंधी आशंकाओं के बीच की गई है, जिसके दौरान अमेरिका ने 21-22 जून को ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के परमाणु स्थलों को भी निशाना बनाया था.युद्ध के बाद से ईरान में एक ऑनलाइन कैंपेन देखने मिला है, जिसमें अफगान नागरिकों पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने इजराइल के लिए जासूसी की है. तेहरान ने देश में रह रहे अफगानियों के लिए 6 जुलाई की समय सीमा तय की है. ये लोग युद्ध, गरीबी या तालिबान शासन से बचने के लिए अफगानिस्तान छोड़ आए थे, इसमें बड़ी तादाद उन अफगानियों कि भी है, जो तालिबान के 2021 में अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के बाद सत्ता में वापस आने के बाद भाग आए थे.ईरान में इस समय करीब 4 मिलियन अफगान रहते हैं, जिनमें से कई सालों से वहां रह रहे हैं. 2023 में, ईरानी सरकार ने अवैध विदेशियों पर कार्रवाई शुरू की थी. मार्च 2025 में अधिकारियों ने बिना कानूनी निवास वाले अफगानों को जुलाई की शुरुआत तक स्वेच्छा से छोड़ने या निष्कासन का सामना करने का समय दिया था।अल जज़ीरा ने संयुक्त राष्ट्र के एजेंसी UNHCR के हवाले से बताया कि ईरान ने जब से विदेश से आए लोगों को वापस भेजना शुरू किया तब से, 7 लाख से ज़्यादा अफगानों ने देश छोड़ा है, जिसमें अकेले जून में 230,000 से ज्यादा लोग शामिल हैं. ईरान इजराइल युद्ध के बाद ये संकट गहरा गया है और सैकड़ों हज़ारों लोगों को निर्वासित किए जाने का खतरा बना हुआ है.रिपोर्ट के मुताबिक ईरान ने इजराइल के साथ संघर्ष के दौरान निर्वासन में तेजी लाई और हर दिन 30 हजार से ज़्यादा अफगानों को वापस भेजा, जो कि पिछले दैनिक औसत 2 हजार से काफी ज्यादा है।

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