गाजा शरणार्थियों को मुस्लिम देशों ने अपने यहां शरण देने से किया इनकार,आखिर लोग जाएं तो जाएं कहां

 गाजा शरणार्थियों को मुस्लिम देशों ने अपने यहां शरण देने से किया इनकार,आखिर लोग जाएं तो जाएं कहां
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गाजा में इजराइली हमले के बाद तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। इजराइल ने उत्तरी गाजा के लोगों को दक्षिण की ओर जाने का अल्टीमेटम दिया था लेकिन इजराइल की एयर स्ट्राइक दक्षिण गाजा पर भी हो रही है। गाजा के अस्पतालों में हालात यह हैं कि पैर रखने तक कि जगह नहीं है। रिपोर्ट्स बताती हैें कि हां के सबसे बड़े अस्पताल शिफा में डॉक्टरों ने कह दिया है कि दवाएं खत्म होने की कगार पर है। राशन के भंडार बस चार पांच दिन चलेंगे। विदेश से पहुंच रही मदद सीमा पर अटकी हुई है। हालात ये हैं कि गाजा के लोग अपने घर बार छोड़कर अब दूसरे देशों की शरण लेने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इजराइल की तीन ओर से घेराबंदी है। इस कारण गाजा के लोग मिस्र से लगे बॉर्डर क्रॉसिंग से ही बाहर निकलना चाहते हैं, क्योंकि यही बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता है। लेकिन इसी बीच मुस्लिम देश जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने ऐलान किया है कि वे फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मिस्र और जॉर्डन में नहीं लेने वाले हैं।जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने मंगलवार को फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मिस्र या जॉर्डन में धकेलने की कोशिश के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि गाजा और वेस्ट बैंक के अंदर मानवीय स्थिति से निपटा जाना चाहिए। जर्मनी की यात्रा पर पहुंचे किंग अब्दुल्ला ने बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ बैठक के बाद कहा कि यह एक लाल रेखा है, क्योंकि मुझे लगता है कि यह कुछ सामान्य संदिग्धों द्वारा जमीनी स्तर पर वास्तविक मुद्दे पैदा करने की योजना है। जॉर्डन में कोई शरणार्थी नहीं, मिस्र में कोई शरणार्थी नहीं।”जॉर्डन के राजा के इस ऐलान के बाद गाजा के शरणार्थियों के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है।

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वर्तमान में कोई भी यूरोपीय देश गाजा के शरणार्थियों को लेने को तैयार नहीं है। मध्य पूर्व के देश भी सिर्फ मुंह से ही फिलिस्तीनी हितों को साधने को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। गाजा के इस हालात का जिम्मेदार हमास के आका देश भी शरणार्थियों की समस्या पर चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। ईरान, कतर और तुर्की की तरफ से फिलिस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकारने को लेकर अब तक एक शब्द सुनाई नहीं दिया है। ये देश बाहर बयानबाजी तो कर रहे हैं, पर जमीन पर सहायता के लिए इनकी कोशिश शून्य है।यूरोप का कोई देश इन शरणार्थियों को लेने को तैयार नहीं है। क्योंकि यूरोप पहले से ही शरणार्थी संकट से जूझ रहा है। हर दिन उत्तरी अफ्रीकी और अन्य भूमध्य सागरीय देशों के लोग शरणार्थी बनकर झुंड के झुंड यूरोपी की सीमा में दाखिल हो रहे हैं। इटली ने तो परेशान होकर पूरी की पूरी पुलिस फोर्स लगा रखी है, ताकि कोई शरणार्थी न घुस सके। अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और दक्षिण एशिया के लोग सबसे ज्यादा यूरोप में घुसपैठ करते हैं।

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