21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा संसद का मानसून सत्र,भारत-चीन संबंध पर घेरेगी विपक्ष

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित होने जा रहा है. यह सत्र सरकार के लिए कई चुनौतियों के साथ-साथ विपक्ष के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने का मौका है. विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष सांसदों की एक लाइन तैयार कर रही. दूसरी ओर, सरकार भी इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करने की कोशिश करेगी, जिसमें खेल नियामक संस्था के गठन का प्रस्ताव भी शामिल है.इस बार के सत्र में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर विपक्ष में आक्रोश है. पहले ही इस मुद्दे पर बिहार बंद किया गया था. विपक्ष का आरोप है कि SIR के जरिए गरीबों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को मताधिकार से वंचित किया जा सकता है.बिहार में मतदाता सूची के संशोधन को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.

विपक्ष का दावा है कि यह प्रक्रिया अव्यावहारिक है और लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर सकती है.अहमदाबाद प्लेन क्रैश और उसके बाद आई प्राथमिक रिपोर्ट को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने के मूड में है. विमानन सुरक्षा को लेकर विपक्ष सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर चुका है. हाल के महीनों में विमान दुर्घटनाओं और विमानन सुरक्षा से जुड़े कई घटनाएं हुई हैं जिसपर विपक्ष सरकार से लगातार जवाब मांग रहा है.विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में विमानन क्षेत्र में सुरक्षा खामियों और प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला है. विपक्ष इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठा सकता है, खासकर जब हाल के वर्षों में कई हाई-प्रोफाइल विमानन घटनाएं सामने आई हैं.सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक विधेयक लाने की योजना बना रही है. इस कदम पर विपक्ष की कड़ी नजर है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा है. आर्थिक और सामाजिक मुद्दे जिनमें महंगाई, बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की स्थिति इस सत्र में विपक्ष के प्रमुख हथियार होंगे.इस सत्र में यह भी एक बड़ा मुद्दा होगा. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष तीखी बहस की मांग कर रहा है. विपक्षी दल भारत-पाकिस्तान तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु युद्ध से बचने के लिए मध्यस्थता के दावों पर सरकार से जवाब भी मांग रहा है.विपक्ष द्वारा उठाए जा सकने वाले प्रमुख मुद्दे भारत-चीन संबंध जैसे मुद्दों पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि विपक्ष पिछले पांच वर्षों से भारत-चीन संबंधों पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है. हाल के सैन्य खुलासों के बाद यह मुद्दा और गर्म हो गया है. विपक्ष सरकार से इस पर स्पष्ट जवाब मांग सकता है.इसको लेकर भी इस बार के सत्र में काफी गहमा गहमी होने की संभावना है. सांसदों ने हाल ही में साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों में वृद्धि पर चिंता जताई है. विपक्ष इस सत्र में डेटा सुरक्षा और साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर सवाल उठा सकता है.न्यायिक सुधार और महाभियोग भी हाल के दिनों में काफी बड़ा मुद्दा रहा है. सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के रुख को लेकर सवाल उठा सकता है, खासकर जब भारत में कोई महाभियोग प्रस्ताव अब तक सफल नहीं हुआ है।