NRC लागू करना चाहती है मोदी सरकार,SIR प्रक्रिया को लेकर ओवैसी ने उठाई सवाल

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग के अधिकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा कि चुनाव आयोग को यह अधिकार किसने दिया कि वह यह तय करे कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं.ओवैसी के अनुसार, चुनाव आयोग का काम केवल मतदाता सूची का प्रबंधन करना है, न कि नागरिकता तय करना. उन्होंने इसे लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध बताया.ओवैसी ने विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया को “पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)” लागू करने का प्रयास बताया. उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए नागरिकों की सूची में गैर नागरिकों को चिन्हित करने का काम हो रहा है, जो संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है. उन्होंने इसे गरीब, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों के खिलाफ एक साजिश बताया.ओवैसी ने वर्ष 2003 में बिहार में हुए अंतिम SIR का हवाला देते हुए सवाल किया कि उस समय कितने विदेशी नागरिकों की पहचान हुई थी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बूथ स्तर अधिकारियों से मिलकर इस मामले की जांच करेगी और जानना चाहेगी कि नेपाल, म्यांमार या बांग्लादेश से आने वाले लोगों की सूची में कितनी संख्या है और उनका स्थान क्या है. उनका मानना है कि पिछले रिकॉर्ड से ही इस प्रक्रिया की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.ओवैसी ने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक में शामिल होने से साफ मना कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह गठबंधन गरीबों और उत्पीड़ितों के नेताओं को दबाने का काम करता है. ओवैसी का कहना है कि इंडिया ब्लॉक केवल अपने स्वार्थों के लिए गरीबों को उनकी आवाज़ से दूर रखना चाहता है. उन्होंने कहा, “एकतरफा प्यार नहीं चलेगा. वे चाहते हैं कि हम उनके गुलाम बनें और सिर झुकाएं, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे.”ओवैसी ने कहा कि AIMIM आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी, जहां उनकी पार्टी की मजबूत पकड़ है. उन्होंने पार्टी को एक स्वतंत्र राजनीतिक ताकत बताते हुए कहा कि AIMIM अपनी शर्तों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है.

बिहार के लिए तीसरे मोर्चे की संभावना पर भी उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए और कहा कि पार्टी के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने तीसरा मोर्चा बनाने का सुझाव दिया है, जिसे वे एक व्यवहार्य विकल्प मानते हैं.बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है, हालांकि चुनाव आयोग ने आधिकारिक तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की है. वर्तमान में, बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें एनडीए गठबंधन के पास 131 और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के पास 111 विधायक हैं. एनडीए में भाजपा, जेडी(यू) और एलजेपी शामिल हैं, जबकि इंडिया ब्लॉक में आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल हैं. आगामी चुनाव में इन दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है।