भाजपा के साथ दिख रही है मायावती और RLD,कांग्रेस से भी सही नहीं है अखिलेश का रिश्ता

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अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद से देश के कोने कोने से लोग रामलला के दर्शन करने आ रहे है. इसमें कई अभिनेता से लेकर नेता भी शामिल है. वहीं यूपी के विधानमंडल का काफिला लखनऊ से अयोध्या के लिए रवाना हो गया है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी अयोध्या जा रहे है. साथ ही BSP और RLD के विधायक के भी रामलला के दर्शन करेंगे.अयोध्या जाने वाली बसों में बीजेपी के सभी विधायक, बसपा के उमाशंकर सिंह और कांग्रेस आरएलडी के नेता शामिल है. केवल सपा का कोई भी विधायक मौजूद नहीं है. समाजवादी पार्टी के ओर से विधानसभा अध्यक्ष का निमंत्रण ठुकरा दिया गया था. हालांकि अन्य सभी दल राम मंदिर में दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं.उत्तर प्रदेश के विधायक अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं. बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा नेता प्रतिपक्ष को अयोध्या जाने का निमंत्रण दिया गया था. इस पर अखिलेश यादव ने कहा ‘‘हमें भगवान श्री राम बुलाएंगे, तब जायेंगे.’’ इस पर सीएम योगी ने निशाना भी साधा था कि आपको अध्यक्ष जी ने एक निमंत्रण दिया था. उसको आपने नकार दिया आप तो ब्रिटेन जाते है. सभी पार्टी के नेता अयोध्या जा रहे है, केवल समाजवादी पार्टी के नेता नहीं जा रहे है. बीजेपी विधायकों के साथ एनडीए के सभी सहयोगी दलों के विधायक हैं. इसके अलावा आरएलडी, बीएसपी और कांग्रेस के भी विधायक गए हैं. यानी देख जाए तो इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष बीजेपी के साथ नजर आ रहा है जबकि अखिलेश यादव अकेले पड़ गए हैं.राम मंदिर में रामलाल विराजमान हो गए हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. 22 जनवरी को हमें रामलला के दर्शन का सौभाग्य मिला था, आज भी दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है. हम अपने दोनों सदनों के सम्मानित सदस्यों के साथ अयोध्या जा रहे हैं. अयोध्या दौरे पर सपा नेताओं के ना आने को लेकर उन्होंने कहा, “सपा सफा हो जाएगी।

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