आज मनाया जा रहा है महाशिवरात्रि,जानिए पूजा मंत्र,आरती और पूजा विधि

महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज है. शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि एक बड़ा दिन है. महाशिवरात्रि के अवसर पर व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस साल की महाशिवरात्रि समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी है. महाशिवरात्रि को जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. आज की महाशिवरात्रि पर श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र है. शिव पूजा करने से व्यक्ति के रोग, दोष, कष्ट आदि मिटते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।महाशिवरात्रि को सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें. उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें।आज सुबह 09:17 बजे से महाशिवरात्रि तिथि लग रही है, तो इस समय से आप शिव पूजा करें. किसी भी शिव मंदिर या घर में ही शिव जी की विधि विधान से पूजा करें।सबसे पहले भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें. फिर उनको अक्षत्, फूल, फल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, आक के फूल, बेर, शहद, दूध, शहद, चंदन, वस्त्र आदि अर्पित करें।इसके बाद माता पार्वती की पूजा करें. उनको फूल, पीला सिंदूर, अक्षत्, श्रृंगार सामग्री आदि अर्पित करें. शिव जी के साथ उनका गठंबंधन कराएं. फिर गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और अशोक सुंदरी की पूजा करें. भोग लगाएं।फिर शिव चालीसा का पाठ करें. उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत कथा सुनें. अंत में शिव जी की आरती से पूजा का समापन करें।महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की 4 प्रहर में चार तरह के द्रव्यों से अभिषेक करने का महत्व है. महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में षोडशोपचार पूजा करने के बाद गाय के दूध से अभिषेक करें. दूसरे प्रहर में गाय के दही से शिवजी का अभिषक करें. तीसरे प्रहर में गाय के घी से और चौथे प्रहर में पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।

महाशिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त और पारण:-
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: आज, सुबह 09:17 बजे सेफाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, सुबह 8 बजे तकश्रवण नक्षत्र: शाम 04:10 तक, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्रनिशिता मुहूर्त: 12:09 ए एम से 12:59 ए एम तकमहाशिवरात्रि व्रत का पारण: कल, सुबह 8 बजे से पूर्व
महाशिवरात्रि 2025 जलाभिषेक समय:-
इस साल महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का समय 09:17 बजे से है क्योंकि इससे पूर्व त्रयोदशी तिथि होगी. सुबह 09:17 बजे से पूरे दिन जलाभिषेक कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री:-
- भगवान शिव की तस्वीर या फिर शिवलिंग2. बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी के पत्ते,3. फूलों की माला, मदार के फूल, बेर, मौसमी फल4. गाय का दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल5. रक्षासूत्र, जनेऊ, वस्त्र, सफेद चंदन, अक्षत्, अभ्रक6. केसर, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, कपूर, धूप, दीप7. माता पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री,8. हवन सामग्री, कुश का आसन,9. शिव चालीसा, शिव जी आरती और महाशिवरात्रि व्रत कथा की पुस्तक.
महाशिवरात्रि 2025 भगवान शिव के भोग:-
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को मालपुआ, खीर, हलवा, ठंडाई, लस्सी, सूखा मावा, सफेद बर्फी आदि का भोग लगाएं.
महाशिवरात्रि पूजा मंत्र:-
स्त्रियों के लिए- ओम शिवाय नम:पुरुषों के लिए- ओम नम: शिवाय
महाशिवरात्रि पर करें भगवान शिव की यह आरती:-
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥