जानिए आखिरकार कैसे हो गया सीएम नीतीश के साथ इतना बड़ा खेल,लालू ने बढ़ाया तो ममता ने चढ़ाया उसके बाद गिराया

 जानिए आखिरकार कैसे हो गया सीएम नीतीश के साथ इतना बड़ा खेल,लालू ने बढ़ाया तो ममता ने चढ़ाया उसके बाद गिराया
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इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में अगर किसी की उम्मीद का किला भरभरा कर गिरता दिखा तो वो थे नीतीश कुमार। याद कीजिए कि ममता बनर्जी ने ही उन्हें कोलकाता में विपक्षी एकता का नायक बनने को कहा था। आखिर में न तो संयोजक के पद पर बिठाया गया और न ही यहां सीट शेयरिंग जैसे महत्वपूर्ण मसले पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सका। इंडिया गठबंधन के रणनीतिकारों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को भी इस बैठक में तवज्जो नहीं दी। हुआ बस इतना कि एक सोची समझी रणनीति के तहत इस गठबंधन के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अलग-थलग कर दिया गया। नरेंद्र मोदी के विरुद्ध कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित करा कर इतना तो साफ कर दिया गया कि अब इंडिया गठबंधन की रेल का ड्राइवर कांग्रेस का ही होगा।

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हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था।’ इस मशहूर शेर में नीतीश कुमार को अलग-थलग करने की कहानी जज्ब है। इंडिया गठबंधन के सूत्रधार और राजनीति में चौंकाने के एक्सपर्ट माने जाने वाले नीतीश कुमार की मेहनत पर पानी फेरने की शुरुआत तो उसी दिन हो गई थी, जब राहुल गांधी को लालू प्रसाद ने दूल्हा करार दे दिया और कह डाला कि ‘हम सब बाराती हैं।’ बस यहीं पर नीतीश कुमार गच्चा खा गए। बाकी बचा खेल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खेल गईं। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी खूब साथ दिया। ये अलग बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ किया कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद पीएम पद के योग्य उम्मीदवार पर सभी दल मिलकर फैसला करेंगे।हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आनेवाली स्थिति का आभास था। यही वजह भी थी कि एक तय रणनीति के तहत जदयू के भीतर नीतीश कुमार को पीएम बनाने को ले कर थोड़े थोड़े समय पर प्रोजेक्ट किया जाता रहा। जदयू के मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने तो यहां तक कहा कि ‘इंडिया गठबंधन में इस बात पर विचार करना चाहिए कि नीतीश कुमार पीएम के उम्मीदवार के रूप में कितने स्वीकार्य हैं। नीतीश कुमार में बहुत सारे गुण हैं। जो किसी भी पीएम में होनी चाहिएं। राज्य के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने भी बगैर नाम लिए इशारों में नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बताया। इसी तरह से बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश में वो सारे गुण हैं जो एक पीएम में होने चाहिएं।कहा जाता है कि नीतीश कुमार को पीएम बनाने के लिए उनके रणनीतिकार ने कांग्रेस नेताओं को भी अपने प्रभाव में लिया। हाल ये हो गया कि कांग्रेस के दो विधायकों ने नीतीश को पीएम पद के उम्मीदवारों में शामिल कर दिया। बक्सर से कांग्रेस विधायक सुनील तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करेंगे तो ज्यादा बेहतर परिणाम आएगा। नवादा जिले के हिसुआ से कांग्रेस की विधायक नीतू सिंह ने कहा कि ‘पार्टी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। मेरा तो विश्‍वास है कि कांग्रेस को बड़ा19लदिल दिखाना चाहिए और ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व नीतीश कुमार को सौंप देना चाहिए।’

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