कोयला इंपोर्ट मामले में अडानी ग्रुप की फिर से शुरू हो सकती है जांच,सुप्रीम कोर्ट से जांच के लिए मांगा गया परमिशन

 कोयला इंपोर्ट मामले में अडानी ग्रुप की फिर से शुरू हो सकती है जांच,सुप्रीम कोर्ट से जांच के लिए मांगा गया परमिशन
Sharing Is Caring:

डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस यानी डीआरआई ने कोयला इंपोर्ट के कथित अधिक मूल्यांकन के लिए अडानी ग्रुप की जांच फिर से शुरू करने की अनुमति मांगी है. रॉयटर्स ने शुक्रवार को बताया कि जांच एजेंसी ने सिंगापुर से सबूत इकट्ठा करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 2016 से, डीआरआई सिंगापुर के अधिकारियों से अडानी के लेन-देन से संबंधित दस्तावेजों को प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है. डीआरआई को शक है कि इंडोनेशियाई सप्लायर्स से आयातित ग्रुप के कई कोयला शिपमेंट को पहले इसकी सिंगापुर यूनिट, अडानी ग्लोबल पीटीई और फिर इसकी भारतीय शाखाओं को कागज पर ज्यादा कीमत पर बिल किया गया था।रॉयटर्स का दावा है कि गौतम अडानी के वाली अडानी एंटरप्राइजेज और उसकी सहायक कंपनियों ने दस्तावेजों की रिलीज को रोकने के लिए भारत और सिंगापुर में बार-बार कानूनी चुनौतियों का सामना किया है. 9 अक्टूबर की कानूनी फाइलिंग में, डीआरआई ने सुप्रीम कोर्ट से पिछले निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए कहा, जिसने अडानी ग्रुप की कंपनी को अधिकारियों को सिंगापुर से सबूत इकट्ठा करने से रोकने की अनुमति दी थी.अपनी ओर से, अडानी ग्रुप ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार नहीं किया है।

IMG 20231117 WA0017

अडानी ग्रुप का कहना है कि भारतीय अधिकारियों ने बंदरगाहों से कोयला जारी करने से पहले उसके कोयला शिपमेंट का आकलन किया था. शुक्रवार सुबह 9.50 बजे अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 1.01 फीसदी की तेजी के साथ 2,227.30 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।रिपोर्ट के अनुसार, डीआरआई ने 2014 में अडानी के इंपोर्ट की जांच शुरू की, जो 40 कंपनियों की व्यापक जांच का हिस्सा था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि इंडोनेशियाई कोयले का इंपोर्ट करने वाली कंपनियां सिंगापुर और अन्य जगहों पर बिचौलियों के माध्यम से भेजे गए शिपमेंट के बिल दिखाकर डिलीवरी का अधिक चालान कर रही थीं.भारतीय अधिकारियों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों से जुड़े 1,300 शिपमेंट की समीक्षा की है. कोर्ट में अपनी सब्मीशन में आरोप लगाया है कि इसने इंडोनेशिया से एक्सपोर्ट प्राइस की तुलना में कोयले के इंपोर्ट प्राइस को हद से ज्यादा है. ताकि देश में बिजली की ऊंची कीमतें वसूला जा सके. डीआरआई ने दावा किया कि इसमें शामिल रकम अरबों रुपये में हो सकती है. एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि जांचकर्ता सिंगापुर के अधिकारियों से जो सबूत मांग रहे हैं, उनमें अडानी के 20 बैंकों से लेनदेन के दस्तावेज शामिल हैं, जो मामले में फाइनेंशियल ट्रेल इस्टैब्लिश करने में मदद कर सकते हैं।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post