उद्योगपति अडानी को लगा बड़ा झटका,दो कंपनियों से अपने शेयर को बेचेगा यूएई का ये शार्क,शेयरों में लगातार हो रही है बड़ी गिरावट

गौतम अडानी के अच्छे नहीं चल रहे हैं. अडानी ग्रुप को निवेश की जरुरत है. जो उस हिसाब से नहीं मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर बड़ी विदेशी कंपनियों ने अब अडानी ग्रुप से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी है. ऐसा ही एक फ्रेश मामला सामने आया है. यूएई की बड़े ग्रुप ने अडानी ग्रुप की दो कंपनियों से अपना निवेश निकालने का मूड बना लिया है. 3300 करोड़ रुपये से ज्यादा की इंवेस्टमेंट वैल्यू के लिए विदेशी कंपनी खरीदार भी तलाश लिया है. जिसकी पूरी जानकारी अभी नहीं दी गई है. आइये आपको भी बताते हैं कि आखिर यूएई का ऐसा कौन बड़ा शार्क है जिसने अडानी ग्रुप को बड़ा झटका दिया है.वास्तव में यूएई स्थिति अबू धाबी ग्रुप इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि वह भारत की अडानी ग्रुप की दो कंपनियों से अपनी हिस्सेदारी को पूरी तरह से बेच रही है. यह कदम ऐसे समय आया है जब अरबपति गौतम अडानी के कारोबार में फ्रॉड के आरोपों के खिलाफ लड़ाई लड़ाई जारी है. आईएचसी जैसे विदेशी निवेशकों ने जनवरी में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उठाए गए आरोपों के सामने अडानी ग्रुप का सपोर्ट किया है. अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर के साथ अकाउंटिंग फ्रॉड और भारी कर्ज में दबे होने का आरोप लगा था।

अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया है और भारतीय मार्केट रेगुलेटर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच कर रहा है.आईएचसी यूएई की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसका मार्केट कैप जो संयुक्त अरब अमीरात की 235.98 बिलियन डॉलर से ज्यादा है. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी देते हुए कहा कि इसकी सहायक कंपनियों ने अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में अपने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के “सेटलमेंट” के लिए एक खरीदार के साथ एक समझौता किया है. कंपनी की ओर से खरीदार के नाम की घोषणा नहीं की गई है. वहीं दूसरी ओर अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, आईएचसी की “पोर्टफोलियो रीबैलेंस स्ट्रैटिजी” के हिस्से के रूप में, इसकी सहायक कंपनियां ग्रीन एनर्जी और ग्रीन ट्रांसमिशन क्रमशः अडानी ग्रीन में अपनी 1.26 फीसदी हिस्सेदारी और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 1.41 फीसदी हिस्सेदारी बेच देंगी. मौजूदा समय में दोनों कंपनियों में निवेश की वैल्यू 3327 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. आईएचसी ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा, कंपनी का बाजार में खुलासा उसके निवेश पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने की स्ट्रैटिजी के अनुरूप है।