भारत को लगेगा ग्रोथ के मोर्चे पर झटका,GDP ग्रोथ में नहीं आएगी बढ़ोतरी

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दुनियाभर में उथल-पुथल के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार के साथ आगे तो बढ़ती रहेगी लेकिन उसमें कमी आएगी. ये मानना है संयुक्त राष्ट्र का. यूएन ने अपने अनुमान में हालांकि 2025 के लिए भारत की जीडपी ग्रोथ को घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया है. इससे पहले 2025 के जनवरी जीडीपी ग्रोथ का ये अनुमान 6.6 प्रतिशत था. 2024 भारत की जीडीपी 7.1 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था।यूएन ने अपनी रिपोर्ट में इस गिरावट के बाजवदू भारत को दुनिया की सबसे बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना है. ये जानकारी संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ‘2025 के मध्य तक विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं’ में दी गई है, जिसे 16 मई को जारी किया गया।रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया है कि व्यापारिक तनाव और नीतियों में अनिश्चितताओं का असर पड़ा है. इसकी वजह से उत्पादन लागत में इजाफा, वैश्विक आपूर्ति में बाधा और वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

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इस सबके बावजूद उपभोग, लोगों का भारी निवेश, निर्यात में वृद्धि और सरकार खर्चों की मदद से भारत की जीडीपी की रफ्तार बनी रहेगी।यूएन ने रिपोर्ट में ये भी कहा कि 2024 में भारत में महंगाई दर 4.9% रहने के बाद 2025 में ये कम होकर 4.3% पर आ सकती है. ये आरबीआई के लक्षित दायरे में ही है. साथ ही, नौकरी के स्तर पर भी कोई बड़ी गिरावट नहीं देखी जा रही है. इसके अलावा, महिला श्रम भागीदारी में असमानता बनी है और इसके ऊपर फोकस करने की जरूरत है. दूसरी तरफ आरबीआई ने भी मौद्रिक नीति में बदलाव लाते हुए जीडीपी को बनाए रखने के लिए इस साल यानी 2025 के फरवरी में नीतिगत ब्याज दरों को घटाने की प्रक्रिया शुरू की है।इससे पहले 2023 में रेपो रेट 6.5 पर बना हुआ था. इसके अलावा, देश में महंगाई के मोर्च पर भी राहत मिली है. हाल में खुदरा और थोक महंगाई दर दोनों में गिरावट देखने को मिली है. इन सभी चीजों का जीडीपी पर सकारात्मक असर पड़ता है।

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