मेरी बहन पर किसी ने ऊंगली उठाई तो चलेगा सुदर्शन चक्र,रोहिणी आचार्य के समर्थन में उतरे तेजप्रताप
लालू परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की ओर से पिछले दो दिनो में किए गए सोशल मीडिया से साफ हो गया। अब रोहिणी को उनके बड़े भाई व पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव का साथ मिल चुका है। तेज प्रताप यादव ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने अपने माता-पिता के लिए जो बलिदान दिया है, वह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी बहन पर किसी ने उंगली उठाई तो उनका “सुदर्शन चक्र” चलेगा। इधर, अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से नाराज रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने अकाउंट को प्राइवेट कर लिया है। फिलहाल उनका अकांउट भी सर्च नहीं हो पा रहा है। वहीं फेसबुक पर उनका अकाउंट प्रोफेसनल मोड में अब नहीं रहा है। हालांकि, ब्लूटिक अभी भी बरकरार है। इधर, सोशल मीडिया पर रोहिणी आचार्य के समर्थक ने दावा किया कि रोहिणी ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को अनफॉलो कर दिया है।

18 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने कहा था कि वह लालू-तेजस्वी की जगह लेने की कोशिश करने वालों को देखना पसंद नहीं करती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर आलोक कुमार के पोस्ट को शेयर किया था। इसके बाद संजय यादव के खिलाफ लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है। रोहिणी आचार्य ने जो शेयर किया है, उसमें लिखा है कि- “फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता – नेतृत्वकर्त्ता के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए .. वैसे अगर “कोई” अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है। 19 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जीवनदान देने वाला फोटो-वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी-खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है..”। इधर, इस पोस्ट के कुछ ही घंटे बाद रोहिणी ने एक और पोस्ट किया। उसमें उन्होंने लिखा कि “मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्त्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।” रोहिणी की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुए।दरअसल, बिहार अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव के 3S में से एक संजय यादव बस में अगली सीट पर बैठे दिखे. आरजेडी के कई नेताओं को यह स्थिति नागवार लगी. सोशल मीडिया यूजर आलोक कुमार ने लिखा- आगे की सीट सदैव शीर्ष नेतृत्व के लिए होती है. यदि कोई स्वयं को उससे बड़ा मानने लगे, तो यह गंभीर संकेत है. इसके बाद इस पोस्ट को रोहिणी आचार्य ने अपने एक्स पर बिना कुछ लिखे शेयर किया. इसके बावजूद संजय यादव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उल्टे, रोहिणी को बाद में अपने बयान पर कुछ नरमी दिखानी पड़ी. शाम तक उन्होंने एक और पोस्ट करके अपने कदम को नरम स्वरूप में पेश किया और स्थिति को संतुलित करने का प्रयास किया।बता दें कि रोहिणी आचार्य 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की सारण सीट से चुनाव लड़ा था. यह सीट लालू परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है. इस चुनाव ने भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने रोहिणी आचार्य को 13,661 वोटों के करीबी अंतर से हराया. रूडी को 4,71,752 वोट मिले, जबकि रोहिणी आचार्य को 4,58,091 वोट प्राप्त हुए. यह हार राष्ट्रीय जनता दल के लिए एक झटका मानी गई, खासकर इसलिए क्योंकि यह सीट लालू यादव के परिवार की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी. लालू यादव खुद भी इस सीट से 2009 में सांसद रह चुके हैं।
