पवन सिंह से BJP को कैसे मिल सकता है फायदा?समझिए पूरी खेल!

 पवन सिंह से BJP को कैसे मिल सकता है फायदा?समझिए पूरी खेल!
Sharing Is Caring:

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच रस्साकशी जारी है. एक तरफ राजनीतिक दलों के बीच एक-दूसरे पर आरोप लगाने का मुकाबला चल रहा है तो दूसरी ओर चुनाव में जीत सुनिश्चित करने वाले दांव भी खेले जा रहे हैं. भोजपुरी सिंगर-एक्टर पवन सिंह मंगलवार को दिल्ली पहुंचे. जहां, उन्होंने RLSP अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के घर जाकर उनसे मुलाकात की.भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. यहीं से उनके बीजेपी में वापसी का रास्ता भी साफ हो गया. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने काराकाट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें जीत न पवन सिंह को मिली और न ही उपेंद्र कुशवाहा को. तब से कुशवाहा एनडीए में पवन सिंह की वापसी का विरोध कर रहे थे, लेकिन आज की मुलाकात के बाद सब कुछ ठीक-ठाक दिख रहा.इसके बाद पवन सिंह की दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई.

1000597980

ये मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली. पवन सिंह ने अमित शाह को गमछा भेंट किया. कुछ देर तक चली मुलाकात के बाद पवन सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने पहुंचे.पवन सिंह ने दो बड़ी मुलाकात के बाद अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा के साथ फोटो शेयर किया. पवन सिंह ने लिखा जातिवादी राजनीति के पोषकों के दिल पर आज इस फोटो को देख सांप लोट रहा होगा, लेकिन जिनके दिल में विकसित बिहार का सपना बसता है, वो कब तक एक-दूसरे से दूर रह सकते हैं. सभी ने दिल से आशीर्वाद दिया. मोदी जी और नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरा पावर लगाएगा.वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने भी इन तस्वीरों को शेयर करते हुए ज्यादा कुछ तो नहीं लिखा, लेकिन इसे विनोद तावड़े और ऋतुराज सिन्हा की उपस्थिति में भोजपुरी स्टार पवन सिंह से शिष्टाचार मुलाकात जरूर बताया.पवन सिंह युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं. यही वजह है कि चुनाव से पहले वो लगातार डिमांड में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अच्छे खासे वोट हासिल कर वो इसका सबूत भी दे चुके हैं. पवन सिंह ही NDA प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा की हार की वजह बने थे. शाहाबाद क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. इसमें पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों के बीच तनाव भी बना रहा. इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले इस नाराजगी को दूर किया गया.बिहार के मगध और शाहाबाद इलाकों में लोकसभा चुनाव में झटका खा झुके एनडीए गठबंधन को पवन सिंह की री-एंट्री से बिहार विधानसभा चुनाव में फायदे मिलने की उम्मीद है.बीजेपी का ये दांव सीधे शाहाबाद और डेहरी-ऑन-सोन की 24 से 25 सीटों पर असर डाल सकता है. यहां से 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 25 में से 11 सीटें जीती थीं. बीजेपी का मानना है कि पवन सिंह के स्टार पावर से 3 से 4 प्रतिशत वोट बढ़ सकते हैं. वोटों का ये अंतर हार-जीते के लिए काफी होगा. इसके अलावा पवन सिंह राजपूत समाज से आते हैं. ऐसे में राजपूत वोट बैंक साधने में ये रणनीति काम आ सकती है।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post