बिहार की व्यवस्था को बदलने का लिया है संकल्प,विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से चर्चा में आई पुष्पम प्रिया चौधरी
राज्य में एक तरफ जेडीयू की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार है तो दूसरी और इंडिया गठबंधन है, जिसमें आरजेडी और कांग्रेस शामिल हैं. चुनाव को लेकर नेता जमीन पर दिखने लगे हैं. इस बीच पुष्पम प्रिया चौधरी की भी एंट्री हो गई है. उन्होंने ‘एक चिट्ठी बिहार के नाम’ से लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है।बिहार में पुष्पम प्रिया चौधरी पहली बार 2020 में चर्चा में आई थीं. ये वो दौर था जब पूरी दुनिया कोरोना काल से गुजर रही थी।
कोरोना के समय में काफी एक्टिव भी रहीं. सियासत में कदम रखने का ऐलान भी किया. राजनीतिक मुद्दों पर मुखर भी नजर आईं. सरकार से लेकर विपक्ष तक सियासत पर सवाल भी खड़ा किया।एक बार फिर से पुष्पम प्रिया चौधरी ने सोशल मीडिया पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है. बिहार की सियासत पर, अर्थव्यवस्था पर सवाल खड़े किया है।उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि राजनीति में चार साल का समय काफी छोटा होता है. इन चार सालों में मेरे जीवन और आपके जीवन में कई बदलाव आए होंगे, लेकिन बिहार की की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था जस की तस है. मैंने इसी व्यवस्था को बदलने का संकल्प लिया है. मेरे लिए राजनीति वैसी नहीं रही कि चलो कुछ नहीं कर पाए तो नेतागिरी ही कर लेते हैं।प्लुरल्स पार्टी की मुखिया पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि बिहार मेरे लिए उपहास का विषय नहीं है बल्कि वो एंपायर, वो साम्राज्य है जिसका परचम पूरी दुनिया में लहराया करता था. आज बिहार की विकास संबंधी रिपोर्ट के आंकड़े देखकर सर शर्म से झुक जाता है. बिहार को मैंने करीब से देखा है. जीवन का अधिकांश समय बिहार में बिता है. बिहार को करीब से देखा है और काम किया।