एशिया का ‘सिलिकॉन वैली’बनेगा गुजरात!टाटा,वेदांता और माइक्रॉन दिखाएंगे चीन को असली औकात
अमेरिका और चीन के बीच की तनातनी का सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिला है. चीन की तमाम कंपनियां भारत की ओर मूव कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर चीन से त्रस्त ताइवान भी भारत की तरफ है. सेमीकंडक्टर का नया हब बनाने के लिए ताइवान और उसकी कंपनियां तमाम मदद करने को तैयार हैं. ऐसे में गुजरात को दुनिया के नक्शे पर नए सेमीकंडक्टर हब के रूप में देखा जा रहा है. गुजरात और केंद्र की सरकार दोनों अब गुजरात को एशिया का ‘सिलिकॉन वैली’ बनाने में जुट गए हैं. जिसकी शुरूआत पिछले सेमिकॉन इंडिया 2023 से शुरू हुई थी. जो वाइब्रेंट गुजरात 2024 तक जारी है. जिसकी झलक एक बार फिर से टाटा ग्रुप के उस ऐलान से दिखी जिसमें उन्होंने एक और सेमीकंडक्टर फैक्ट्री लगाने का ऐलान किया. आइए जरा पहले टाटा ग्रुप के उस ऐलान के बारे में जान लेते हैं, जो उन्होंने बुधवार को किया है।
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि टाटा ग्रुप गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर कारखाने का निर्माण करेगा. वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन (वीजीजीएस) के यहां आयोजित 10वें संस्करण में चंद्रशेखरन ने कहा कि ग्रुप दो महीने में साणंद में लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए 20 गीगावॉट की गीगाफैक्टरी शुरू करने वाला है. उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप ने एक संकल्प किया जो पूरा होने वाला है. साथ ही धोलेरा में विशाल सेमीकंडक्टर फैब की घोषणा कर रहे हैं. चंद्रशेखरन ने कहा कि सेमीकंडक्टर फैब के लिए बातचीत पूरी होने वाली है और 2024 में इसे शुरू करेंगे. वैसे ग्रुप की ओर से इस बात की घोषणा नहीं की गई है कि इस फैक्ट्री लगाने के लिए ग्रुप कितने हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा. आने वाले दिनों में शेयर बाजार की फाइलिंग के जरिए भी इस बात का खुलासा हो सकता है.हम यूं नहीं कह रहे हैं कि गुजरात को एशिया का नया सेमीकंडक्टर हब या फिर सिलिकॉन वैली बनाने की तैयारी चल रही है. वास्तव में टाटा ग्रुप ने पिछले साल ही अपनी प्लानिंग के बारे में पूरी दुनिया को बता दिया था. नेक्कई एशिया से बात करते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने ईवी, रिन्यूएअल एनर्जी और सेमीकंडक्टर में अगले पांच साल में 90 अरब डॉलर यानी 7.50 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा. अनुमान है कि इसमें से अगले पांच सालों में 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश सेमीकंडक्टर में हो सकता है. जिसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश गुजरात में करने की प्लानिंग बनाई जा सकती है. मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में सेमीकंडक्टर में टाटा ग्रुप गुजरात में मोटा निवेश करने वाला है।वहीं दूसरी ओर वेदांता भी सेमीकंडक्टर को लेकर बड़ी प्लानिंग कर रहा है. अभी तक वाइब्रेंट गुजरात में कोई घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन उसकी प्लानिंग पहले से ही चल रही है. 10 से 20 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट में पहले फॉक्सकॉन के साथ वेदांता का ज्वाइंट वेंचर था. लेकिन दोनों का वेंचर अब खत्म हो चुका है. अब फॉक्सकॉन ने खुद अपने दम पर सेमीकंडक्टर में कूदने का फैसला लिया है. फॉक्सकॉन ने करीब एक महीना पहले आईटी मिनिस्ट्री में कंपनी की ओर से आवेदन भी किया गया था. जिसकी जानकारी खुद आईटीएमओएस ने दी थी.दूसरी ओर यूएस कंपनी माइक्रॉन भी सेमीकंडक्टर को लेकर सेमीकॉन इंडिया 2023 में बड़ा ऐलान कर चुकी है. पिछले साल कंपनी ने 700 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया था. वाइब्रेंट गुजरात में कंपनी के सीईओ ने समीकंडक्टर प्लांट लगाने का ऐलान किया है. जिसमें कंपनी की ओर से 2.75 बिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया है. ये प्रोजेक्ट साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस निवेश से 5 हजार डायरेक्ट और 15 हजार इनडायरेक्ट जॉब्स जेनरेट होने का अनुमान है।