राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए पूर्व वादी इकबाल अंसारी को मिला न्योता,बोले-मुझे खुशी है..

 राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए पूर्व वादी इकबाल अंसारी को मिला न्योता,बोले-मुझे खुशी है..
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अयोध्या भूमि विवाद मामले के पूर्व वादी इकबाल अंसारी को 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को उन्हें निमंत्रण कार्ड सौंपा। राम मंदिर में जाने के निमंत्रण पर इकबाल अंसारी ने कहा कि मुझे खुशी है कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होने जा रही है। अयोध्या हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सद्भाव की भूमि है। यह हमेशा बरकरार रहेगी।इकबाल इंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट फैसला दिया और देशभर के मुसलमानों ने इसका सम्मान किया।

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कहीं कोई विरोध या प्रदर्शन नहीं हुआ। अयोध्या के लोग खुश हैं, मैं भी खुश हूं। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में इकबाल अंसारी जाएंगे या नहीं इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन माना जा रहा है कि वह भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।इससे पहले रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के पूर्व मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने रविवार को कहा था कि अयोध्या नगरी सहिष्णु है और सभी स्थितियों में मेहमानों का स्वागत करती है। 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समरोह के अवसर पर एक लाख से अधिक भक्तों के इस शहर में आने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, आमंत्रित सूची में भारत और विदेश से लगभग 7,000 मेहमान हैं।अभी हाल में ही जब पीएम मोदी ने अयोध्या का दौरा किया था तो इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री के काफिले पर फूल बरसाए थे। उन्होंने कहा कि मैं वहां उस सड़क के मोड़ पर खड़ा था जो हमारे पड़ोस की ओर जाती है और जैसे ही उनका (प्रधानमंत्री का) काफिला गुजरा, मैंने शहर में उनका स्वागत करने के लिए फूल की पंखुड़ियों की वर्षा की। उनके द्वारा पुष्प वर्षा किये जाने का वीडियो वायरल हो गया, जिसने दोनों समुदायों के कई लोगों को हतप्रभ कर दिया।अंसारी ने कहा, इस देश में कई तरह के लोग हैं। गलत मानसिकता रखने वाले लोग (मैंने जो किया उसके लिए) मेरी आलोचना कर सकते हैं। वह हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं और वह अयोध्या आये थे। मेहमानों का स्वागत करना हमारा कर्तव्य है और मैंने वही किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी परंपरा है।

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