वक्फ (संशोधन) विधेयक पर आज होगी अंतिम चर्चा,बैठक में लिया जाएगा उचित निर्णय

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की आज (बुधवार) फिर से बैठक होगी. बताया जा रहा है कि आज सुबह 10 बजे होने वाली ये बैठक आखिरी होगी और इसमें समिति रिपोर्ट को स्वीकार करेगी. संसदीय समिति वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों को शामिल करने के सरकार के कदम का भी समर्थन कर सकती है.दरअसल संयुक्त संसदीय समिति बुधवार को अपनी रिपोर्ट स्वीकार करने वाली है. समिति शिया मुसलमानों के दो छोटे संप्रदायों- दाऊदी बोहरा और आगा खानी की दलीलों से भी सहमत है कि उनकी अपनी विशिष्ट पहचान है और उनकी स्वीकार्यता भी इसी रूप में होनी चाहिए.उन्होंने खुद को प्रस्तावित कानून के दायरे से बाहर रखने की मांग की थी. बीजेपी के सांसद जगदंबिका की अध्यक्षता वाली समिति का विचार है कि राज्य वक्फ बोर्डों का विस्तार करने के लिए दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और शिया, सुन्नी और पिछड़े मुस्लिम समुदायों से व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के विधेयक के प्रस्ताव से वक्फ प्रबंधन में समावेशन और विविधता को बढ़ावा मिलेगा.

मुस्लिम ट्रस्ट जो वक्फ के समान कार्य करते हैं, लेकिन ट्रस्ट कानूनों द्वारा शासित होते हैं, उन्हें कानूनी विवादों को रोकने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 से बाहर रखा जाएगा (धारा 2 ए).वक्फ अलल औलाद से होने वाली आय का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के समर्थन के लिए किया जा सकता है, यदि वक्फ ने स्पेसिफाइड किया गया है (धारा 3 (आर) (iv)).ट्रिब्यूनल के निर्णयों की अंतिमता को हटा दिया गया है. कोई भी पीड़ित व्यक्ति अब ट्रिब्यूनल के फैसले के 90 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में अपील कर सकता है.वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण प्रमाण पत्र पोर्टल के माध्यम से जारी किए जाएंगे.