अल फलाह से जुड़े दर्जनों ठिकानों पर ED ने की छापेमारी,जांच में हुआ बड़ा खुलासा

 अल फलाह से जुड़े दर्जनों ठिकानों पर ED ने की छापेमारी,जांच में हुआ बड़ा खुलासा
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (18 नवंबर) सुबह दिल्ली के ओखला स्थित अल-फलाह ट्रस्ट और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े 24 ठिकानों पर छापा मारा है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) से जुड़े एक मामले के तहत की गई है. जांच एजेंसी को संदेह है कि यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े मालिकों और प्रबंधन ने बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियों को अंजाम दिया है. इसी वजह से उनके ठिकानों पर दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्यों की तलाश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, ईडी ने मंगलवार सुबह अल-फलाह ट्रस्ट के ओखला स्थित मुख्य दफ्तर, यूनिवर्सिटी कैंपस और प्रबंधन से जुड़े लोगों के निजी घरों सहित कई लोकेशंस पर एक साथ छापेमारी की.

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दिल्ली के जामिया नगर और ओखला विहार से लेकर फरीदाबाद के सेक्टर-22 स्थित यूनिवर्सिटी कैंपस तक ईडी की कई टीमें तड़के से ही तैनात हैं.जांच में पता चला है कि अल-फलाह ग्रुप से जुड़ी 9 कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और शुरुआती जांच में इनके शेल कंपनियां होने के कई संकेत मिले हैं. दिए गए पते पर कोई ऑफिस नहीं मिला, न ही बिजली-पानी के उपयोग का कोई रिकॉर्ड मिला. कई कंपनियों में एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया गया, EPFO और ESIC में कोई फाइलिंग नहीं मिली और कागजों में इन्हें बड़ी कंपनियां दिखाया गया था. कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और साइनटरी कॉमन पाए गए, बैंक स्टेटमेंट में सैलरी ट्रांसफर बेहद कम दिखा और HR से जुड़े कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे. लगभग सभी कंपनियां एक ही पैटर्न पर बनाई गई थीं और इनके संपर्क विवरण भी एक जैसे मिले. जांच में अल-फलाह ग्रुप द्वारा UGC और NAAC मान्यता से जुड़े दावों पर भी सवाल उठे हैं और अब इस संबंध में संबंधित एजेंसियों से जानकारी मांगी गई है. सूत्रों के मुताबिक, जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ईडी ने मौके से अहम दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कई डिजिटल डिवाइस कब्जे में ले लिए हैं. कार्रवाई अभी जारी है और शाम तक अन्य ठिकानों पर भी दबिश की संभावना जताई जा रही है.छापेमारी को देखते हुए दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने संबंधित इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. फिलहाल किसी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में बड़े खुलासे हो सकते हैं.गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ईडी ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी और इसके संचालकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था. आरोप है कि यूनिवर्सिटी और ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों की अवैध फंडिंग की गई, विदेशी दान (FCRA) नियमों का उल्लंघन हुआ और संपत्तियों के गलत इस्तेमाल से काले धन को वैध रूप दिया गया.

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