महाराष्ट्र की राजनीति में फिर आएगा भूकंप 2,अजित पवार हो सकते है बीजेपी में शामिल
 
            
      महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल के संकेत मिल रहे हैं. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि कांग्रेस पार्टी नेता अजित पवार भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिला सकते हैं. कहा जा रहा है कि जिस तरह से एकनाथ शिंदे ने बगावत कर उद्धव ठाकरे को झटका दिया था, ठीक उसी तरह अजित पवार भी शरद पवार को झटका देंगे.दरअसल बता दें कि अजित पवार के समर्थन में 30 से 34 एनसीपी विधायक आ गये हैं. सभी विधायकों ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने का समर्थन दे दिया है. महाराष्ट्र में एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं, अगर एनसीपी में टूट होती है,  तो यह शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है.वही आपको बतातें चले कि महाराष्ट्र की राजनीति में भूंकप पार्ट 2 आने जा रहा है. अजित पवार एनसीपी के 53 में से 40 समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को डिस्क्वालिफाई कर दिया तो सरकार गिरने की स्थिति पैदा होने से पहले ही अजित पवार अपने इन समर्थक विधायकों की सूची लेकर राज्यपाल के पास पहुंच जाएंगे.वही बता दें कि इस खबर ने महाराष्ट्र की राजनीतिक में खलबली मचा दी है. शिंदे गुट की शिवसेना के विधायक और कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने इस मुद्दे पर कहा कि अगर अजित पवार हमारे साथ आते हैं तो उनका स्वागत होगा.
तो यह शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है.वही आपको बतातें चले कि महाराष्ट्र की राजनीति में भूंकप पार्ट 2 आने जा रहा है. अजित पवार एनसीपी के 53 में से 40 समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को डिस्क्वालिफाई कर दिया तो सरकार गिरने की स्थिति पैदा होने से पहले ही अजित पवार अपने इन समर्थक विधायकों की सूची लेकर राज्यपाल के पास पहुंच जाएंगे.वही बता दें कि इस खबर ने महाराष्ट्र की राजनीतिक में खलबली मचा दी है. शिंदे गुट की शिवसेना के विधायक और कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने इस मुद्दे पर कहा कि अगर अजित पवार हमारे साथ आते हैं तो उनका स्वागत होगा.  आज जिस तरह बरसात का कोई भरोसा नहीं, उसी तरह राजनीति का भी कोई भरोसा नहीं. इसलिए मैं इस खबर को नकार नहीं रहा हूं लेकिन इस पर टिप्पणी करना तब तक मुश्किल है जब तक यह नहीं पता चल जाए कि अजित पवार और शरद पवार इस वक्त सुसंवाद चल रहा है या वाद? यह उस पार्टी का आंतरिक मामला है.वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर आज अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह खबर बेबुनियाद है. प्रदेश में अजित पवार महाविकास आघाड़ी के आधार स्तंभ हैं. उनका आघाड़ी में भविष्य उज्ज्वल है. वे ऐसा कभी भी नहीं करेंगे. हालांकि बीजेपी की एनसीपी को तोड़ने की कोशिशें तेज हैं. कुछ विधायकों या सांसदों के चले जाने से पार्टी खत्म नहीं होती है।
आज जिस तरह बरसात का कोई भरोसा नहीं, उसी तरह राजनीति का भी कोई भरोसा नहीं. इसलिए मैं इस खबर को नकार नहीं रहा हूं लेकिन इस पर टिप्पणी करना तब तक मुश्किल है जब तक यह नहीं पता चल जाए कि अजित पवार और शरद पवार इस वक्त सुसंवाद चल रहा है या वाद? यह उस पार्टी का आंतरिक मामला है.वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुद्दे पर आज अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह खबर बेबुनियाद है. प्रदेश में अजित पवार महाविकास आघाड़ी के आधार स्तंभ हैं. उनका आघाड़ी में भविष्य उज्ज्वल है. वे ऐसा कभी भी नहीं करेंगे. हालांकि बीजेपी की एनसीपी को तोड़ने की कोशिशें तेज हैं. कुछ विधायकों या सांसदों के चले जाने से पार्टी खत्म नहीं होती है।

 
       
                      
                     