ट्रंप की पॉलिसी के कारण डॉलर हुई मजबूत,रुपये की गिरावट से परेशान हुआ भारत

डॉलर के मुकाबले टूटते रुपये ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर बुरा असर डाला है। आपकेा बता दें कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.54 अरब डॉलर घटकर 635.72 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह जानकारी दी है। पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.65 अरब डॉलर बढ़कर 638.26 अरब डॉलर हो गया था। रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद के लिए आरबीआई के विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन के कारण हाल ही विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का रुख रहा था। वहीं अगर पाकिस्तान की बात करें तो 14 फरवरी 2025 को समाप्त हफ्ते के दौरान भी वहां के विदेशी मुद्रा भंडार में 121.3 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई है। सितंबर, 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.885 अरब डॉलर के अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

हालांकि, रुपये में अस्थिरता को कम करने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के कारण विदेशी मुद्रा कोष में गिरावट आई। अरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों अनुसार, 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.51 अरब डॉलर घटकर 539.59 अरब डॉलर रह गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। हालांकि, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.94 अरब डॉलर बढ़कर 74.15 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.9 करोड डॉलर बढ़कर 17.89 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 1.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.08 अरब डॉलर हो गया।