भारत के साथ विवाद करना मालदीव को अब पड़ा भारी,टूरिस्ट्स की संख्या में आई भारी गिरावट
भारत के साथ विवाद मोल लेना मालदीव को अब भारी पड़ रहा है. पर्यटकों की कमी के कारण मालदीव का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 38 प्रतिशत की गिरावट आई है.पर्यटक मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मालदीव में इस साल जनवरी से मार्च तिमाही में केवल 34,847 भारतीय ही मालदीव पहुंचे, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 56,208 भारतीय यात्री आए थे. इसमें तकरीबन 38 प्रतिशत की गिरावट आई है और साल 2019 की पहली तिमाही से भी कम है जब 36,053 भारतीय यात्रियों ने मालदीव का दौरा किया था. जबकि भारत 2021 से 2023 तक मालदीव के लिए कोविड-19 के बाद नंबर एक स्रोत बाजार था, इस साल गिरावट देखी जाने लगी है.दरअसल, ये मामला मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के “इंडिया आउट” अभियान और उसके बाद भारतीयों द्वारा मालदीव के बहिष्कार के बीच आया है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लक्षद्वीप द्वीप का दौरा करने के बाद मालदीव के तीन उपमंत्रियों ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा की तस्वीरों पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की, जिसके बाद दोनों देशों के बीच यह विवाद बढ़ गया इस मामले पर लोगों ने सोशल मीडिया पर “बॉयकॉट मालदीव” के साथ-साथ “लक्षद्वीप का दौरा” का चलन शुरू हो गया. सिर्फ सेलिब्रिटीज या सोशल मीडिया प्रभावित लोग ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियां भी इस चलन में शामिल होने लगी. मालदीव के लिए भारत न केवल मार्केट के तौर पर गिरा है, बल्कि पर्यटकों की संख्या में भी गिरावट आई है. चीनी – जो कि कोविड से पहले मालदीव में आने वाले सबसे ज्यादा होते पर्यटक थे, एक बार फिर से उन्होंने वो तमगा हासिल कर लिया है. क्योंकि, चीन ने लगभग चार साल के प्रतिबंध के बाद पर्यटकों के लिए बाहर की यात्रा के लिए रास्ते खोल दिए हैं. कोविड के बाद से चीन दुनिया का आखिरी देश है जिस पर अभी भी कुछ जगहों पर प्रतिबंध लगा हुआ है.मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में केवल 1 लाख से कम भारतीयों ने मालदीव का दौरा किया, जबकि 2.83 लाख चीनी पर्यटक मालदीव में दर्ज किए गए थे. जबकि चीनी संख्या स्थिर रही, 2019 में भारतीयों की संख्या बढ़कर 1.6 लाख हो गई. इसके साथ ही साल 2021 में करीब 2.91 लाख भारतीय थे, क्योंकि कोविड के कारण दुनिया भर में पर्यटकों के लिए प्रतिबंध था.जबकि, 2021 में केवल 2238 चीनी लोगों ने मालदीव का दौरा किया क्योंकि चीन में सख्त लॉकडाउन लगा हुआ था. वहीं, साल 2024 की पहली तिमाही में भारतीय और चीनी दोनों पर्यटकों की संख्या 2019 के बेंचमार्क से कम रही है, लेकिन पिछले साल की तुलना में, जबकि भारतीय लगभग 40% कम हैं, चीनी लगभग तीन गुना हो गए हैं.एविएशन एनालिटिक्स कंपनी – सिरियम के आकंड़ों से पता चलता है कि भारत – मालदीव बाजार में साल की जनवरी से मार्च तिमाही में हर हफ्तें 8 कम उड़ानें देखी गईं और 2,000 से ज्यादा सीटों की कमी देखी गई. इससे पता चलता है कि सब कुछ ठीक नहीं है.पिछले साल की तुलना में, इंडिगो ने दिल्ली-माले बाजार से हाथ खींच लिया है, जबकि गो फर्स्ट बंद हो गया है. भारत से माले के लिए इसकी 10 साप्ताहिक उड़ानें थीं. मालदीव हनीमाधू से त्रिवेन्द्रम मार्ग से हट गया. विस्तारा ने प्री-कोविड का परिचालन नहीं किया था, लेकिन स्पाइसजेट और गो फर्स्ट का परिचालन बड़ा था और मालदीव के मामले में भी यही स्थिति थी।