कांग्रेस को तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार नहीं,राजद से अलग होगी अब कांग्रेस पार्टी!
बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष खत्म होती नहीं दिख रही है. पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अब इसकी जिम्मेदारी तय करने और नेतृत्व में बदलाव की मांग उठने लगी है. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के लिए विरोध हो रहे हैं. नेताओं ने इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया है.दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा. 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस मात्र 6 सीटों पर जीत हासिल कर सकी. सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस ने जिन सीटों पर दावेदारी जताई, वहां उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली में बिहार चुनाव परिणाम को लेकर समीक्षा बैठक का दौर चल रहा है.

पिछले तीन दिनों में कई बार बिहार प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक हो रही है.दिल्ली में हुई समीक्षा बैठक में राहुल गांधी ने हालांकि नैतिक जिम्मेदारी लेने की बात कही. पर इससे असंतोष कम नहीं हुआ. कई असंतुष्ट नेताओं ने साफ कहा कि सही मायनों में जिम्मेदारी प्रदेश स्तर पर तय होनी चाहिए।चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता खुलकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर रही है. कुछ दिनों पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जमकर हंगामा किया. पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का सदाकत आश्रम के अंदर विरोध किया गया.लोगों ने प्रदेश नेतृत्व के कई नेताओं पर टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाया. कांग्रेस ने पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रहे तीन दर्जन नेताओं को 18 नवंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया. 21 नवंबर तक इन लोगों को जवाब देने का वक्त दिया गया था. संतोष जनक जवाब नहीं मिलने के कारण कई नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित भी कर दिया है।कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष आदित्य पासवान खुलकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रभारी पर टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं. आदित्य पासवान ने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले वह लोग टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाते रहे हैं. विधानसभा चुनाव के बीच एक सिटिंग विधायक का ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें किस तरीके से टिकट को लेकर हेरफेर किया गया था वह लोगों के सामने आया।आदित्य पासवान कहते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले वोटर अधिकार यात्रा निकाली गयी थी. पूरे बिहार में राहुल गांधी ने कांग्रेस के पक्ष में एक माहौल बनाया था. बिहार के लोग के बीच कांग्रेस को लेकर एक माहौल तैयार हो रहा था, लेकिन प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की गलती के कारण इसका उलट परिणाम आया.कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष आदित्य पासवान ने सीधा आरोप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारु, विधानसभा में पार्टी के विधायक दल के नेता रह चुके शकील अहमद खान, बिहार कांग्रेस के तीनों सह प्रभारी सुशील पासी, शाहनवाज आलम और देवेंद्र यादव पर लगाया. कहा कि यह लोग उस माहौल में सौदेबाजी करने का काम किये. जिसका परिणाम है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।आदित्य पासवान का कहना है कि बिहार में गठबंधन तोड़ने का समय आ गया है. हम लोगों ने राष्ट्रीय नेतृत्व को सलाह दिया है कि जब तक राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन रहेगा तब तक बिहार में कांग्रेस अपने पैर पर खड़ा नहीं हो सकती है. गठबंधन के कारण कांग्रेस उन मजबूत सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पा रही है जहां पर अभी भी कांग्रेस का संगठन मजबूत है।आदित्य पासवान ने कहा कि हम लोगों ने अपनी बातें सीर्ष नेतृत्व, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राहुल गांधी को बता दी है. हम लोगों को पूरा भरोसा है कि बहुत जल्द बिहार में पार्टी का नेतृत्व परिवर्तन होगा. अब कब तक होगा यह पार्टी के आला कमान तय करेंगे. क्योंकि राजेश राम कांग्रेस के अब तक के सबसे कमजोर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जाने जाएंगे. ऐसा कमजोर नेतृत्व बिहार में मंजूर नहीं है।
