देशभर में मुस्लिम महिलाओं को भी सेना से जोड़ने की मुहिम चलाएगी बीजेपी,दरगाह,मदरसों में लगाई जाएगी चौपाल

 देशभर में मुस्लिम महिलाओं को भी सेना से जोड़ने की मुहिम चलाएगी बीजेपी,दरगाह,मदरसों में लगाई जाएगी चौपाल
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भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा आगामी 9 जून से देश में मुस्लिम महिलाओं को सेना से जोड़ने की मुहिम चलाएगा. उसके लिए भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा देशभर में देशभर में मोदी सरकार के 11 साल पर कार्यक्रम का आयोजन करेगा।9 जून से देशभर में इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी, जिसमें बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा देशभर में मोदी सरकार के 11 साल पर कार्यक्रम का आयोजन करेगा. जिसके अंतर्गत दरगाह, मदरसों में चौपाल लगाई जाएंगी।मुस्लिम लड़कियों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वे भी सेना से जुड़े, अग्निवीर बने. इसके लिए 9 जून से देशभर में कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इस संबंध में पार्टी की तरफ से एक कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें ये जिम्मेदारी भाजपा के अलग अलग राज्यों के अल्पसंख्यक मोर्चा को दी गई है. अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी हाल के वर्षों में धीरे-धीरे बढ़ी है, लेकिन अभी भी यह कुल बल का एक छोटा हिस्सा है।इस अभियान के तहत, मोर्चा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जागरूकता शिविर और सेमिनार आयोजित करेगा. इन कार्यक्रमों में सेना में भर्ती प्रक्रिया, योग्यता, और उपलब्ध अवसरों की जानकारी दी जाएगी. इस पहल का लक्ष्य मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें देश की सेवा में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है. यह अभियान लैंगिक समानता और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक कदम है।यह पहल न केवल मुस्लिम महिलाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि यह भी दर्शाएगी कि सरकार और भाजपा अल्पसंख्यक समुदायों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह कदम सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देने और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच विश्वास निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट के 2020 के फैसले के बाद महिलाओं को स्थायी कमीशन का अवसर मिला है, और नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में भी महिलाओं की भर्ती शुरू हो चुकी है. हर छह महीने में 19 महिला कैडेट्स की भर्ती होती है, जिनमें से 10 थल सेना के लिए होती हैं।हालांकि सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों जैसे इन्फैंट्री और आर्मर्ड कोर में उनकी नियुक्ति पर प्रतिबंध है. इसके अलावा, सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएं भी मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी को प्रभावित कर सकती हैं।भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का यह अभियान इन बाधाओं को दूर करने और अधिक से अधिक मुस्लिम लड़कियों को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।यह अभियान भाजपा के पिछले अभियानों जैसे “शुक्रिया मोदी भाईजान” और “कौमी चौपाल” की तर्ज पर बनाया गया गया है,जिसके तहत मोर्चा ने मुस्लिम महिलाओं को लक्ष्य करके उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभों के बारे में जागरूक किया था. इस बार फोकस सेना में भर्ती पर है, जो एक नया आयाम जोड़ने की कोशिश भी है।

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