दिल्ली मामले पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बीजेपी नेता ने की बड़ी अपील,कहा-गलत पर खुलकर बोलना चाहिए़

 दिल्ली मामले पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों से बीजेपी नेता ने की बड़ी अपील,कहा-गलत पर खुलकर बोलना चाहिए़
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने दिल्ली में हुए बम धमाकों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि लाल किले में जो बम ब्लास्ट की घटना हुई, उसने ऐसे कई मिथकों को तोड़ा है कि आतंकवाद का धर्म से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया में यह भ्रम फैलाया गया कि शिक्षा का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं, गरीबी का कोई लेना-देना नहीं। यह सब गलत है। आतंकवाद गरीबी का नहीं, विश्वास और वैचारिक प्रतिबद्धता का नतीजा है।”उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों की पहचान सिर्फ शिक्षा या सामाजिक स्थिति से नहीं होती, बल्कि उस धार्मिक या वैचारिक प्रेरणा से होती है, जो उन्हें हिंसा के रास्ते पर ले जाती है। संघ नेता ने कहा, “यह कहना कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, अब पुरानी और झूठी बात है।

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आतंकवादी किसी धर्म को पूरी तरह बदनाम नहीं करते, लेकिन उनका अपना एक धार्मिक प्रेरणा-तंत्र होता है, जिसे नकारा नहीं जा सकता।”राम माधव ने दावा किया कि इस मामले के मुख्य आरोपी ने अपने कृत्यों को सही ठहराने के लिए क़ुरान की आयतों का हवाला दिया, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने भारतीय उदारवादी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से अपील की कि वे ऐसे मुद्दों पर खुलकर बोलें।अमेरिका से आरएसएस की लॉबिंग के आरोपों पर राम माधव ने कहा कि आरएसएस ने कभी कोई लॉबिंग एजेंसी नहीं रखी। उन्होंने कहा, “लॉबिंग अमेरिका में वैध है, लेकिन आरएसएस भारत के बाहर काम नहीं करता, न ही विदेश से कोई पैसा लेता है। हमारा पूरा ढांचा गुरु दक्षिणा से चलता है और यह व्यक्तिगत सहयोग पर आधारित है।” उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भवन पंजीकृत ट्रस्टों की ओर से संचालित होते हैं और हर पैसे का ऑडिट होता है।राहुल गांधी के हालिया आरोपों पर हमला बोलते हुए राम माधव ने कहा, “अब कौन उन्हें गंभीरता लेता है? उनकी वोट चोरी को लेकर शुरू की गई मुहिम पर किसी ने भरोसा नहीं किया। बिहार में बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत इसका सबूत है। वह एक गैर-गंभीर और गैरजिम्मेदार विपक्षी नेता हैं।” उन्होंने चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों को बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा, “यह चुनाव आयोग का मानक प्रोटोकॉल है। इसका मकसद फर्जी और डुप्लीकेट एंट्रीज को हटाना है। बिहार में 65 लाख डुप्लीकेट या गलत प्रविष्टियां मिलीं। यह काफी बड़ा आंकड़ा है।” उन्होंने कहा कि किसी मतदाता की राजनीतिक पसंद जानकर उसे हटाना मानवीय रूप से असंभव है।बिहार विधानसभा चुनाव और प्रशांत किशोर पर पूछे गए सवाल पर राम माधव ने कहा, “मैं जन सुराज पार्टी को लेकर टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि पीके (प्रशांत किशोर) ने पार्टी बनाई और फिर चुनाव से ठीक पहले मैदान छोड़ दिया। अगर नेता ही पीछे हट जाए, तो पार्टी कैसे टिकेगी?”

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