आरक्षण को लेकर घिरी भाजपा सरकार,कांग्रेस नेताओं ने डेटा के साथ बीजेपी की खोली पोल

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मध्य प्रदेश में OBC वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर सियासत फिर से गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद राज्य सरकार जानबूझकर OBC आरक्षण को लागू नहीं कर रही. प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, हरीश चौधरी, जीतू पटवारी और अनिल जयहिंद ने सरकार पर संवैधानिक अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 50 फीसदी OBC आबादी होने के बावजूद उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा.कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 28 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने 27 फीसदी आरक्षण को वैध करार दिया और इसके खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दीं.

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इसके बावजूद बीजेपी सरकार ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. इसके बाद 25 जून 2025 को भी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पूछा कि जब आरक्षण में कोई कानूनी अड़चन नहीं है, तो इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा? कोर्ट ने 4 जुलाई तक पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट देने को कहा है.इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया है कि मध्य प्रदेश की जनता को कांग्रेस की सरकारों ने क्या-क्या दिया है. नेताओं ने कहा कि 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने OBC को 14 फीसदी आरक्षण दिया था. 2003 में इसे बढ़ाकर 27 फीसदी करने की पहल भी कांग्रेस ने की. हालांकि तब BJP ने सरकार बनाकर इस फैसले को लागू नहीं किया. इसके बाद 2019 में कमलनाथ सरकार ने OBC आरक्षण के लिए अध्यादेश लाया और फिर कानून बनाकर विधानसभा से पास कराया, लेकिन कोर्ट केस और सत्ता परिवर्तन के चलते यह अटका रह गया।कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि BJP ने जानबूझकर अदालत में जनहित याचिकाएं दायर कर OBC आरक्षण को रोकने की साजिश रची. कोर्ट में इसे ‘सब-ज्यूडिस’ बताकर भ्रम फैलाया गया. उन्होंने कहा कि OBC छात्रों के साथ छह वर्षों से अन्याय हो रहा है. सरकारी विभागों में रोस्टर सिस्टम लागू नहीं होने से आरक्षित पदों को छिपाया जा रहा है. व्यापम घोटाला और भर्ती परीक्षाओं में धांधली BJP की कार्यशैली का हिस्सा बन चुकी है।कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में RSS पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि संघ मनुवादी सोच में विश्वास रखता है और संविधान का सम्मान नहीं करता. उन्होंने दावा किया कि जब देश में संविधान बना, तब RSS के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में यह लेख छपा कि ‘यह संविधान मनुस्मृति पर आधारित नहीं है, इसलिए हम इसे स्वीकार नहीं करते. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि RSS कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब अंबेडकर के पुतले जलाए और आज भी संविधान को बदलने की बातें की जाती हैं.कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब देश में संविधान बनाया जा रहा था. तब महात्मा गांधी जी ने नेहरू जी से कहा कि संविधान बनाने की जिम्मेदारी बाबा साहेब अंबेडकर जी को देनी चाहिए, क्योंकि वह एक दर्द से गुजरे हैं और मानवता के प्रति समर्पित हैं. इसके बाद- बाबा साहेब ने देश को दुनिया का बेहतरीन संविधान दिया.कांग्रेस ने खुद को समता और समानता में विश्वास रखने वाली पार्टी बताया और कहा कि वह पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों को उनका हक दिलाने के लिए हर मंच पर लड़ाई लड़ेगी।

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