DGP ऑफिस से फरमान हुआ जारी,थाने में इज्जत से पेश आएगी पुलिस
बिहार पुलिस मुख्यालय ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें सभी पुलिसकर्मियों को आम जनता के साथ “अदब और तहजीब” से बात करने और व्यवहार करने का निर्देश दिया गया है. इस निर्देश का उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सम्मान बढ़ाना है, और पुलिस की छवि को सुधारना है. यह आदेश पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और नागरिक-पुलिस संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है.बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब सभी की निगाहें पुलिस विभाग पर टिक गई हैं. इसकी वजह बिहार के नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी हैं. चूंकि 20 साल तक ये विभाग खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास था. वहीं अब ये विभाग डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के पास आ गया है. बिहार के आम लोग देखना चाहते हैं कि आखिर सम्राट चौधरी पुलिस की छवि में कितना सुधार कर पाते हैं?इसी कड़ी में अब एक नया फरमान जारी किया गया है. थाने में बिहार पुलिस के अधिकारी और कर्मी आम नागरिकों के साथ अदब में पेश आएंगे. तू-तड़ाक करके बात नहीं करेंगे. शिष्टाचार के साथ व्यवहार और वार्तालाप करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.

राज्य के एडीजी बजट/अपील/कल्याण की तरफ से जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि कल्याण कोष की बैठक में बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष के द्वारा पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों की बेहतर पुलिसिंग की चर्चा की गई.चर्चा के क्रम में बिहार DGP ने आम लोगों के साथ पुलिस के असभ्य व्यवहार का जिक्र किया और कहा कि इसमें सुधार लाने की जरूरत है. दरअसल, कुछ दिन पहले पटना के नदी थाना और कटिहार जिले के बारसोई थाने के कुछ पुलिसकर्मियों के असभ्य व्यवहार के कारण उन्हें सस्पेंड किया गया था. इस तरह की घटना से न केवल बिहार पुलिस की छवि धूमिल होती है, बल्कि जन विश्वास एवं सहयोग में भी कमी आती है.एडीजी ने जारी किए निर्देशजारी निर्देश में एडीजी बजट/अपील/ कल्याण ने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जिलों में तैनात पुलिस पदाधिकारी और कर्मी आम नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करें. अगर वह थानों में अपनी शिकायत लेकर आ रहे हैं तो उनकी सुनवाई करें. ये नहीं कि डाट-डपट कर उनको भगा दें. नागरिकों के साथ असभ्य व्यवहार करने वाले पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
