खराब होने लगी अमेरिका की इकोनॉमी,बेचैनी में पड़े ट्रंप!

कुछ दिनों पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए ‘डेड इकोनॉमी’ का इस्तेमाल किया था. खैर ये बात पूरी दुनिया के साथ-साथ अमेरिका के दिग्गज अर्थशास्त्री भी जानते हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ वाली इकोनॉमी है. मौजूदा समय में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है और तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी जल्द ही बन सकता है. वैसे आज बात भारत की नहीं बल्कि अमेरिका की उस डेड इकोनॉमी की होगी. जहां पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच करीब तीन घंटे तक मीटिंग हुई थी.जी हां, अलास्का, जो अमेरिकी स्टेट होने के साथ साल 2025 में दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी की बिजनेस के लिहाज से सबसे खराब स्टेट माना जा रहा है.

इस बात की तस्दीक करीब एक महीने पहले एक विदेशी मीडिया की रिपोर्ट में की गई थी. जिसमें कहा गया था कि साल 2025 में अलास्का अमेरिका का बिजनेस और इकोनॉमी के लिहाज से सबसे खराब स्टेट होगा. इसका मतलब है कि अलास्का एक ‘डेड इकोनॉमी’ होगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अलास्का को लेकर करीब एक महीने पहले किस तरह की रिपोर्ट आई थी.पिछले महीने विदेशी मीडिया हाउस सीएनबीसी का एक सर्वे आया था. जिसमें कहा गया था कि अलास्का 2025 में अमेरिका के टॉप बिजनेस स्टेट्स की रैंकिंग में सबसे निचले स्थान पर है. मौजूद है. रिपोर्ट में इसके कारणों पर कहा गया कि साल 1968 में प्रुधो खाड़ी में पहली खोज के बाद से, अलास्कावासियों का कच्चे तेल के साथ एक लव-हेट का रिलेशन रहा है. एक ओर, इसने अलास्का को अपना राज्य आयकर समाप्त करने, अधिकांश सरकारी कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराने और प्रत्येक अलास्कावासी को डिविडेंड देने की सहूलियत दी, जो आज भी जारी है. दूसरी ओर, इसने राज्य को पूरी तरह से ग्लोबल ऑयल मार्केट की दया पर छोड़ दिया है. जो हाल के सालों में एक खराब दांव साबित हुआ है. यही मुख्य कारण है कि अलास्का साल 2025 में बिजनेस के लिहाज से सबसे राज्यों में शुमार हो गया है.विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अलास्का रेवेन्यू डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, अलास्का नॉर्थ स्लोप क्रूड ऑयल की कीमत एक साल पहले की तुलना में डबल डिजिट में गिर गई है और सीएनबीसी की स्टडी के अनुसार, अलास्का अमेरिका की सबसे खराब इकोनॉमी है. अगर बात अलास्का की जीडीपी ग्रोथ रेट की करें तो नेशनल लेवल पर टॉप 10 में सबसे नीचे है. स्टेट की इकोनॉमी पिछले साल सिर्फ 1.5 फीसदी की दर से बढ़ी, जबकि नेशनल लेवल पर यह आंकड़ा 2.8 फीसदी का देखने को मिला था. रिपोर्ट में सबसे अहम बात यह कही गई है कि स्टेट का वित्त वर्ष 2026 का बजट कच्चे तेल के 68 डॉलर प्रति बैरल के पूर्वानुमान पर बेस्ड है. साथ ही यह स्पष्ट नहीं है कि यह पूर्वानुमान बरकरार रहेगा या नहीं.अलास्का नॉर्थ स्लोप में कच्चे तेल की कीमत 5 मई को 63.49 डॉलर के निचले स्तर पर थी, जो हाल के हफ़्तों में 70 डॉलर से ऊपर पहुंच गई है. राज्य के पूर्वानुमानकर्ता अगले दस वर्षों में राज्य के रेवेन्यू का लगभग 70 फीसदी , या राज्य के ऑपरेशनल बजट का लगभग आधा, तेल से प्राप्त होने की उम्मीद कर रहे हैं. कुछ इलाके तो इससे कहीं ज़्यादा निर्भर हैं. नॉर्थ स्लोप बरो के मेयर जोशिया पटकोटक ने जून के महीने में कहा कि जब आप आर्थिक इंजन को डिफॉल्ट रूप से देखते हैं, तो यह हमारे ऑपरेशनल बजट का लगभग 98 फीसदी तेल और गैस से प्राप्त होता है।