मुश्किल में फंसे अखिलेश यादव,पिछड़े बनाम अगड़े की सियासत में उलझी सपा!

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन के मेवाड़ के शासक राणा सांगा पर विवादित बयान और इसकी प्रतिक्रिया में करणी सेना के विरोध प्रदर्शन से सियासत गरमा गई है। सपा जहां दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक (पीडीए) फॉर्मूले के साथ क्षत्रिय वोट बैंक की नाराजगी भी मोल नहीं लेना चाहती है। वहीं भाजपा नेता इस बयान की निंदा करके अगड़े वोट बैंक को साधने की कवायद कर रहे हैं।भारतीय जनता पार्टी जहां हिंदू राष्ट्रवीरों को सम्मान देकर समाज को पुरातन गौरव पुनर्स्थापित करने का संदेश दे रही है। कहा कि शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रवीरों के योगदान को इतिहास में कम करके आंका गया है। यही कारण है कि भाजपा शिवाजी महाराज का स्मारक और संग्रहालय बनवा रही है।

मुगल शासक रहे बाबर और औरंगजेब पर निशाना साध रही है।आगरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि आगरा की पहचान मुगलों से नहीं छत्रपति शिवाजी से होनी चाहिए। इसी कड़ी में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के राज्यसभा में राणा सांगा को दिए विवादित बयान से भूचाल आ गया। 21 मार्च को दिए इस बयान के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनकी खिंचाई शुरू हो गई है।क्षत्रिय संगठनों का आक्रोश चरम पर है। ऐसे में समाजवादी पार्टी को अगड़ा वोट यानी क्षत्रिय वोट बैंक खिसकता नजर आया तो सपा मुखिया अखिलेश यादव और सांसद डिंपल यादव तक ने सफाई दे डाली। अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा कि समाजवादी पार्टी मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या अन्य किसी समाज का अपमान करना नहीं है।