अमेरिका के बाद भारत है दुनिया का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क,जानिए आखिर कैसे भारत पहुंचा इस मुकाम पर

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महाराष्ट्र में चाचा शरद पवार और अजित पवार के बीच कानूनी लड़ाई जारी है. इस बीच अजित पवार गुट मंगलवार (20 फरवरी) को शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा. इसपर हाई कोर्ट ने बुधवार को विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.बता दें कि 15 फरवरी को शरद पवार और अजित पवार के गुट की तरफ से दाखिल याचिका पर स्पीकर ने अपना फैसला सुनाया था. स्पीकर ने अपने फैसले में अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया. राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों गुटों के बीच का अंदरूनी मामला है, इसलिए किसी गुट ने पार्टी नहीं छोड़ी है. ऐसे में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता.दरअसल, पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत कर दी थी और एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे. इसके बाद शरद पवार ने अजित पवार गुट के साथ गए विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दाखिल की. वहीं अजित पवार गुट ने शरद पवार गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दाखिल की. मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. इसके बाद स्पीकर राहुल नार्वेकर ने फैसले के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की. उन्होंने दोनों गुटों में किसी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया. इसी के खिलाफ अजित पवार ने हाई कोर्ट का रुख किया है.याचिका में कहा गया है कि चूंकि स्पीकर ने फैसला सुनाया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ही असली राजनीतिक पार्टी है, तो अयोग्यता याचिकाओं को भी अनुमति दी जानी चाहिए थी. इससे पहले सात फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया था. साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न घड़ी अजित पवार गुट को सौंप दी. इस फैसले के खिलाफ शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को नोटिस जारी किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि फिलहाल शरद गुट चुनाव आयोग की तरफ से दिए नाम एनसीपी शरदचंद्र पवार का इस्तेमाल करे।

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