अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर दी जा रही है अडानी को जमीन,कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार उठाया सवाल

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर उद्योगपति अडानी को लेकर निशाना साधा है. कांग्रेस के सांसद और राज्यसभा के उपनेता प्रमोद तिवारी ने जहां एक तरफ अडानी को 23000 हेक्टेयर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की जमीन दी जानी की बात उठाई है. वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी ने लोकसभा सांसदों की बैठक में पूछा कि क्या यह मुद्दा उठाया जाना चाहिए.हाल ही में सांसद और राज्यसभा के उप नेता राज्यसभा प्रमोद तिवारी का बड़ा बयान सामने आया है. प्रमोद तिवारी ने कहा, क्या मोदी सरकार देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है? 23000 हेक्टेयर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की जमीन अडानी समूह को दी जा रही है. सुरक्षा नियमों की अनदेखी हो रही है और बॉर्डर से सिर्फ 1 किलोमीटर बाद अडानी का प्रतिष्ठान होगा.

कांग्रेस ने बीजेपी पर उठाए कई सवालइसी के साथ प्रमोद तिवारी ने केंद्र सवाल को घेरते हुए कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली यह सौदेबाजी किसके इशारे पर हो रही है? क्या मोदी सरकार अडानी के लिए देश की सुरक्षा को भी कुर्बान कर रही है?केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सांसद ने नियमों को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने बॉर्डर के नजदीक निर्माण को लेकर नियम भी बताए. उन्होंने कहा, नियम क्या कहता है?अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में सड़क और गांव को छोड़कर कोई निर्माण नहीं हो सकता.लेकिन मोदी सरकार ने सुरक्षा नियमों को ताक पर रख दिया, जिससे भारत की सीमाएं असुरक्षित हो सकती हैं!राहुल गांधी ने सांसदों से पूछा, मुद्दा उठाना चाहिए?इसी के साथ जहां एक तरफ कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने अडानी को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछे हैं. वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी के साथ लोकसभा सांसदों की बैठक में भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पूछा कि अडानी का ये मुद्दा उठाना चाहिए. साथ ही नेता प्रतिपक्ष राहुल, उप नेता गौरव गोगोई, व्हिप माणिक टैगोर, केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी ने लोकसभा में बढ़िया बोलने वाले तीन सांसदों की रेटिंग की जिसमें सबसे ऊपर मणिपुर से बिमल, दूसरे नंबर पर प्रयागराज से उज्ज्वल रमण सिंह और तीसरे नंबर पर हरियाणा से वरुण चौधरी को रखा गया है. इसके अलावा राहुल ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 14 और बजट पर 13 सांसदों ने अपनी बात चर्चा के दौरान रखी. इसी तरह आगे भी 15-15 सांसदों का पूल बनाकर सभी को बोलने का मौका दिया जाएगा, सिर्फ कुछ लोग ही नहीं बोलेंगे.