आमिर खान की की फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ को मिला अच्छा रेटिंग,जानिए क्या है फिल्म की कहानी?

बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान अपनी नई फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ के साथ सिनेमाघरों में लौट आए हैं और इस बार वो फिर से अपने उस अंदाज में दिखे हैं जिसके लिए उन्हें ‘पीके’ और ‘3 इडियट्स’ जैसी फिल्मों में खूब सराहा गया था. ये वही आमिर खान हैं, जो एक गंभीर विषय को भी हंसी-मजाक और हल्के-फुल्के अंदाज में दर्शकों के सामने पेश करते हैं. सिनेमा की दुनिया में जब सब बड़ी-बड़ी एक्शन फिल्मों और भव्य ग्राफिक्स के पीछे भाग रहे हैं, वहां आमिर एक बार फिर ‘परफेक्शन’ के साथ एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जो दिल और दिमाग दोनों को छू जाती है. तो चलिए, इस बार हम भी उनके इस नए ‘परफेक्शन’ को थोड़ा करीब से देखते हैं।

असल में, इस तरह के सिनेमा की शुरुआत चार्ली चैपलिन ने की थी. वो समाज की कड़वी सच्चाइयों और गंभीर मुद्दों को भी ह्यूमर के साथ दुनिया को दिखाते थे. सोचिए, एक गंभीर बात पर भी लोग हंसें और फिर उस हंसी के पीछे छिपी सच्चाई को समझें यही तो असली जादू है. इस स्टाइल को थोड़े से अलग अंदाज में भारतीय सिनेमा के शोमैन राज कपूर ने भी अपनाया था और अब इस ‘परंपरा’ को आगे बढ़ा रहे हैं हमारे आमिर खान. फिर ‘3 इडियट्स’ में नजर आने वाला पेरेंट्स का प्रेशर हो, ‘तारे जमीन पर’ में डिस्लेक्सिया या ‘पीके’ में अंधविश्वास आमिर ने हमेशा गंभीर विषयों को ऐसे परोसा है कि आम दर्शक भी खुद को उससे जोड़ पाते हैं. ‘सितारे जमीन पर’ भी इसी कड़ी में जुड़ी शानदार फिल्म है. फिल्म एक बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय पर बात करती है, लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि दर्शक बोर न हों, बल्कि उनका भरपूर मनोरंजन भी हो. ये वो ‘आमिर खान फॉर्मूला’ है जो शायद ही कभी फेल होता है: ज्ञान को मनोरंजन के लड्डू में लपेट कर खिलाओ! और यकीन मानिए, इस बार का लड्डू भी उतना ही स्वादिष्ट और सेहतमंद है।फिल्म में आमिर इस फिल्म में एक ऐसे कोच के किरदार में हैं जो परफेक्ट नहीं है, बल्कि इंसानी गलतियों से भरा हुआ है. वो गुस्से वाला है, थोड़ा चिड़चिड़ा है, और जिंदगी की उलझनों से जूझ रहा है. हमेशा की तरह आमिर ने अपने इस किरदार को भी इतनी सच्चाई और ह्यूमर के साथ निभाया है कि आप धीरे-धीरे उनके साथ जुड़ते चले जाते हैं. इस इम्पेर्फेक्ट किरदार में भी वो परफेक्ट लगते हैं।अगर फिल्म में किसी कमी की बात करें, तो शायद म्यूजिक के मामले में फिल्म थोड़ी कमजोर है. फिल्म के गाने उतने यादगार नहीं बन पाए हैं जितने आमिर की पिछली कुछ सुपरहिट फिल्मों में रहे हैं. जैसे, बिरयानी में सब कुछ परफेक्ट हो, लेकिन नमक थोड़ा कम हो जाए तो स्वाद में फर्क आ ही जाता है! लेकिन इस छोटी सी कमी को छोड़कर, ‘सितारे जमीन पर’ एक बेहतरीन और दिल को छू लेने वाली फिल्म है।अगर आप आमिर खान के पुराने अंदाज को मिस कर रहे थे, और एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो आपको हंसाए, रुलाए और साथ ही एक खूबसूरत संदेश भी दे, तो ये फिल्म आपके लिए है. थिएटर में जाकर इस ‘रियलिटी चेक’ का हिस्सा बनें! यकीन मानिए, इस फिल्म को देखने के बाद आप घर एक नई मुस्कान और एक नए नजरिये के साथ लौटेंगे।