राष्ट्रीय पहचान बनाने की कवायद में जुटे चिराग पासवान,इन दो राज्यों में पार्टी लड़ेगी चुनाव
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से जनता दल यूनाइटेड को नेशनल पार्टी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. अब इसी राह पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान निकल पड़े हैं. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास दूसरे राज्यों में भाग्य आजमाने की तैयारी कर रही है. चिराग पासवान की नजर उत्तर पूर्व के राज्यों पर है और एनडीए को मजबूत करने के लिए पार्टी रणनीतिक तौर पर तैयारियों में जुट गई.बिहार विधानसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अब बिहार की राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं. पार्टी ने पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि चिराग राष्ट्रीय स्तर पर अपनी राजनीतिक मौजूदगी मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की ओर से खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा को पश्चिम बंगाल और असम का चुनाव प्रभारी बनाया गया है. प्रभारी को संगठन विस्तार, स्थानीय नेताओं से संपर्क और चुनावी संभावनाओं की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसे एलजेपी (रामविलास) की शुरुआती और परीक्षण आधारित रणनीति माना जा रहा है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, एलजेपी (रामविलास) बंगाल और असम में बड़े पैमाने पर चुनाव मैदान में उतरने के बजाय चुनिंदा सीटों पर ही उम्मीदवार उतार सकती है.

पार्टी पहले चरण में वोट शेयर और संगठन की ताकत का आकलन करना चाहती है, ताकि भविष्य की रणनीति तय की जा सके.अब तक यह तय नहीं है कि एलजेपी (रामविलास) दोनों राज्यों में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी या फिर स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरेगी. हालांकि, राजनीतिक संकेत यही है कि पार्टी स्थानीय परिस्थितियों और भाजपा की रणनीति को ध्यान में रखते हुए गठबंधन का रास्ता चुन सकती है. फिलहाल पार्टी की ओर से यह बताया जा रहा है कि हम एनडीए की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं और संभावनाओं की तलाश भी उसी स्तर पर की जा रही है.चिराग पासवान की रणनीति का केंद्र दलित, महादलित और पिछड़ा वर्ग है. पार्टी बिहार में अपने सामाजिक आधार को मॉडल के रूप में पेश कर बंगाल और असम में भी इन्हीं वर्गों के बीच राजनीतिक पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है. पार्टी की ओर से भाजपा के बड़े नेताओं को यह बताने की कोशिश होगी कि बिहार में हमारा वोटर टर्न आउट बेहतर रहा है. बिहार के बाहर भी हम उसी तरीके का प्रदर्शन करेंगे.क्षेत्रीय दल दूसरे राज्यों में चुनाव इसलिए लड़ते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सके. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास की ओर से बंगाल और असम में चुनाव लड़ने का मकसद सिर्फ सीटें जीतना नहीं है, बल्कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को क्षेत्रीय दल की छवि से बाहर निकालकर राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करना है.लोकसभा चुनाव से पहले जमीन तैयार करने की कवायद: चिराग पासवान ने लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई है. बंगाल और असम में संगठन खड़ा कर चिराग पासवान भविष्य में राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं. कोशिश यह भी है कि बिहार की तरह गठबंधन की सियासत के बदौलत दूसरे राज्यों में भी अपनी स्थिति मजबूत की जाए.लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान लोजपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे. उत्तर पूर्व के राज्यों में विधायक भी जीत कर आए. नागालैंड और मणिपुर में भी पार्टी ने उपस्थिति दर्ज कराई है.इसके अलावा रामविलास पासवान के जमाने में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी पार्टी के विधायक जीत चुके हैं. बिहार में पार्टी ने 29 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे जबकि 19 सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हुई है.नॉर्थ ईस्ट के लिए पार्टी का एक्शन प्लान: पिछले विधानसभा चुनाव में नागालैंड में चिराग पासवान की पार्टी के दो विधायक चुनाव जीते थे. हालांकि बाद में दोनों विधायकों ने पाला बदल लिया था. वर्तमान में उत्तर पूर्व में चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के एक भी विधायक नहीं है पार्टी एक बार फिर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करना चाहती है असम में भी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है.लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा है कि हमारे पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का सपना था कि लोक जनशक्ति पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिले और इसके लिए हम लोग कई वर्षों से काम भी कर रहे हैं.”नॉर्थ ईस्ट के अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हमारे विधायक रहे हैं. इस बार हम पश्चिम बंगाल और असम में उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं. हम मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और उम्मीद है कि हम रामविलास पासवान के सपनों को सच करने में कामयाब होंगे.”- राजू तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष,एलजेपीआरराजनीतिक विश्लेषक प्रवीण बागी का मानना है कि बिहार के छोटे दल दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा इसलिए है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार चाहते हैं. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास भी अपना विस्तार चाहती है और राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना उनका लक्ष्य होता है.”बिहार के बाहर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास का कोई मजबूत आधार नहीं है,लेकिन उनके द्वारा कोशिश की जा रही है. उन्हें उम्मीद है कि भाजपा के साथ गठबंधन हो जाएगा और उनका खाता खुलेगा लेकिन सवाल यह है कि भाजपा इन्हें कितना तवज्जो देगी.”- प्रवीण बागी,राजनीतिक विश्लेषकराष्ट्रीय पार्टी बनने की शर्ते: राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए कोई पार्टी कम से कम 3 विभिन्न राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतनी चाहिए. पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6 फीसदी वोट प्राप्त करे. चार या चार से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखना जरूरी है.मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल: देश में कुल 6 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), बहुजन समाज पार्टी (BSP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI(M), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और आम आदमी पार्टी (AAP) शामिल हैं.विधानसभा चुनावों में LJP (R) का प्रदर्शन: चिराग पासवान की पार्टी के प्रदर्शन की बात की जाए तो बिहार में NDA सरकार का एलजेपीआर हिस्सा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 29 में से 19 सीटों पर जीत दर्ज की है. नागालैंड विधानसभा चुनाव 2023 में 2 सीटों पर कब्जा करने में कामयाब रही. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में 1 सीट पर जीत मिली थी.बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम 2025: बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से NDA को कुल 202 सीटों पर जीत मिली. बीजेपी ने और जेडीयू ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था. भाजपा ने 89 सीटों पर दर्ज की. वहीं जेडीयू ने 85 सीटों पर कब्जा किया. बीजेपी को 15 और जेडीयू के 42 सीटों का फायदा हुआ. वहीं एलजेपीआर ने 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 19 सीटों पर जीत मिली, 18 सीटों का फायदा हुआ. मांझी की हम ने पांच सीटों पर जीत हासिल की और उपेंद्र कुशवाहा की आएलएम ने 4 सीटों पर कब्जा किया.लोकसभा चुनाव 2024 में LJPR का प्रदर्शन: चिराग ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत दर्ज की. एलजेपीआर को कुल 2803936 वोट मिले, 6.47 वोट प्रतिशत रहा. चिराग पासवान, शांभवी चौधरी, राजेश वर्मा, अरुण भारती और वीणा देवी सांसद बने.
