दहशत में जी रहा है पाकिस्तान,BSF के बयान से सदमे में है पाकिस्तानी सेना!
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में इतना खौफ बैठ गया है कि वह कोई भी कदम फूंक-फूंककर उठा रहा है. इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान ने आतंकियों को भारतीय सीमा में धकेलने के लिए तैयार 72 से अधिक लॉन्चपैड को भीतर के इलाकों में शिफ्ट कर दिया है.सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने शनिवार (29 नवंबर 2025) को कहा कि यदि सरकार सीमा पार अभियान ऑपरेशन सिंदूर 2.0 शुरू करने का फैसला करती है तो सुरक्षा बल दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार है. अधिकारियों ने हालांकि कहा कि बीएसएफ 7-10 मई तक चार दिनों तक चली सैन्य कार्रवाई को रोकने पर बनी सहमति का सम्मान कर रही है.बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) विक्रम कुंवर ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ ने सीमा पर कई आतंकी लॉन्चपैड को नष्ट कर दिया गया था जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने ऐसे लॉन्चपैड को भीतरी इलाके में शिफ्ट कर दिया है. लगभग 12 लॉन्चपैड सियालकोट औरहम जंग के लिए तैयार: बीएसएफ जफरवाल में काम कर रहे हैं, जो वास्तव में बॉर्डर पर नहीं हैं.

इसी तरह सीमा से दूर अन्य भीतरी इलाकों में 60 लॉन्चपैड सक्रिय हैं.’’विक्रम कुंवर ने बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक (IG), शशांक आनंद और डीआईजी कुलवंत राय यह शर्मा के साथ 2025 में बल की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में बल की भूमिका की जानकारी दी, जो 22 अप्रैल को सीमा पार से जुड़े पहलगाम नरसंहार के लिए भारत की सैन्य प्रतिक्रिया थी. पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी.अधिकारी ने बताया कि इन लॉन्चपैड के साथ-साथ उनमें मौजूद आतंकवादियों की संख्या भी बदलती रहती है. DIG कुंवर ने बताया, ‘‘वे वहां स्थायी रूप से नहीं रहते. ये लॉन्चपैड आमतौर पर तब सक्रिय होते हैं जब आतंकवादियों को भारत में भेजना होता है. उन्हें दो या तीन से ज्यादा समूहों में नहीं रखा जाता.’’ उन्होंने बताया कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के इलाकों में कोई प्रशिक्षण शिविर नहीं हैं.अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में आमतौर पर कहा जाता है कि लॉन्चपैड पर तैनाती की गई है, जो इस बात का संकेत है कि आतंकवादियों को अन्य क्षेत्रों में ले जाने से पहले ट्रेनिंग दिया गया है. डीआईजी कुंवर ने कहा, ‘‘पहले निर्धारित इलाके होते थे और आमतौर पर निचले इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के लोग आतंकी सक्रिय होते थे जबकि ऊपरी इलाकों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कार्य करते थे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने मिलकर एक ग्रुप बनाया ताकि संयुक्त रूप से ट्रेनिंग ले सके.’’आईजी आनंद ने कहा कि यदि सरकार ऑपरेशन सिंदूर को फिर से शुरू करने का फैसला करती है तो बीएसएफ सरकार के आदेशों का पालन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम 1965, 1971, 1999 के कारगिल युद्ध या ऑपरेशन सिंदूर की बात करें तो बीएसएफ को हर तरह के युद्धों का अच्छा अनुभव है, चाहे वह पारंपरिक युद्ध हो या हाइब्रिड युद्ध. हम तैयार हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें मौका मिले तो हम मई में किए गए नुकसान से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं. जम्मू के इलाके में हमने 118 पाकिस्तानी पोस्ट बर्बाद किए. उनके सर्विलांस इक्विपमेंट को भारी नुकसान पहुंचाया. सरकार जो भी नीति तय करेगी, बीएसएफ उसमें अपनी भूमिका निभाएगा.’’ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स के अपनी चौकियों से भाग जाने के बारे में पूछे जाने पर आईजी ने कहा कि एक बार स्थिति सामान्य हो जाए तो यह जरूरी है कि सभी लोग अपनी-अपनी चौकियों पर लौट जाएं.’आईजी ने कहा, ‘‘बीएसएफ की ओर से पहुंचाए गए नुकसान से उबरने में पाकिस्तान को काफी समय लगा. कुछ जगहों पर उन्होंने अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की कोशिश की है, लेकिन उनकी सभी गतिविधियां हमारी निगरानी में हैं.’’ उन्होंने कहा कि बीएसएफ बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी योजना बना रही है और जब हमें मौका मिलेगा तो हम उचित कार्रवाई करेंगे. अधिकारी ने कहा, ‘‘फिलहाल सीमा पर आतंकवादियों की कोई हलचल नहीं है जिससे चिंता पैदा हो.’’रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर नागरिक और सैन्य तंत्र के बेहतरीन तालमेल का शानदार उदाहरण है. उन्होंने कहा, “अभी हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर हुआ. हमारी सेनाओं ने पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंप को तबाह किया. हालांकि हमने बेहद संतुलित उत्तर दिया था, हमारा जवाब हमले को बढ़ाना नहीं था, लेकिन पाकिस्तान के रवैये ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद बॉर्डर पर परिस्थिति को सामान्य नहीं रहने दिया.”उन्होंने कहा, “इस दौरान जिस तरह से देश भर में मॉक ड्रिल हुए और हमारे प्रशासनिक अधिकारियों ने उस मॉक ड्रिल को सफलतापूर्वक जनता तक समझाते हुए पहुंचाया, वह आप सबके लोक सेवक होने का एक बेहतरीन उदाहरण है. आप सबको भी, भविष्य में होने वाली ऐसी किसी भी स्थिति के लिए अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखना है.”
